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धर्मेंद्र उनियाल’धर्मी’… लघु कथा

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’
चीफ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा


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निरीक्षण (लघु कथा)

टूटे हुए पुल का निरीक्षण करने पहुंचे नेता जी ने रजनीगंधा (पान मसाला) का पैकेट निकाल कर टूटे पुल की तरफ़ देखते हुए हैरानी से अपने सैक्रेटरी से पूछा- अबे इतना कौन खा गया बे?
सैक्रेटरी ने धीमी आवाज़ में कहा- सब मिलकर खा गए साहब.. इंजीनियर.. कॉन्ट्रैक्टर.. फाइल आगे-पीछे सरकाने वाले.. पेमेंट का चैक बनाने वाले और बाक़ी… आप।
नेता जी ने उसके कान के नीचे एक दिया घनघना के और बोले- अबे हरीश चंद्र की औलाद, पुल के कमीशन की बात नहीं पूछ रहा हूं, ये रजनीगंधा कौन खा गया वो पूछ रहा हूं मैं।
हजार बार कहा है मुंह में रजनीगंधा भर कर रखा कर सबके सामने बकर-बकर तो नहीं करेगा।

नोट- पान मसाला सेहत के लिए हानिकारक है।

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