धर्मपुर विधानसभा सीट: निर्दलीय बीर सिंह पंवार (भाजपा के बागी) ने चुनाव प्रचार में झोंकी ताकत
-पंवार ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक विनोद चमोली के प्रति लोगों में गुस्सा है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल की निष्क्रियता से भी लोग वाकिफ है। निश्चय ही इसका लाभ उन्हें मिलेगा।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। धर्मपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी बीर सिंह पंवार (भाजपा के बागी) ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। आज पंवार ने विद्या विहार, दीपनगर, माजरा, सिंगल मंडी आदि क्षेत्रों में घर-घर जाकर प्रचार किया। पंवार नए ढोल- दंमाऊ और मशक बीन के साथ सुबह ही विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच पहुंच गए थे और रात तक विभिन्न क्षेत्रों में लोगों से मिलते रहे। उनके साथ में बड़ी संख्या में मातृशक्ति भी मौजूद थी।
विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान पंवार के साथ आज भी भारी भीड़ दिखाई दी। मातृशक्ति बीर सिंह पंवार के चुनाव प्रचार में जिस तरह बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है, उससे अन्य प्रत्याशियों के पसीने छूट रहे हैं। बीर सिंह पंवार के साथ यह कोई पार्टी कैडर या कार्यकर्ता नहीं बल्कि, उनके समर्थक हैं, आम जनता है, जो धर्मपुर विधानसभा सीट पर इस बार बदलाव चाहते हैं। बीर सिंह पंवार जहां भी जा रहे हैं, वहां अपने आप भीड़ जुट रही है। इससे पंवार का उनका मनोबल बढ़ा हुआ है।
धर्मपुर में त्रिकोणीय संघर्ष होने से राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है। पंवार जहां भी जा रहे हैं, उनके समर्थन में सैकड़ों लोग खड़े हो रहे हैं। प्रचार के दौरान पंवार ने भाजपा के विरोध में अभी तक कोई भी बात नहीं कही। लेकिन, विधायक विनोद चमोली व दिनेश अग्रवाल को घेरने में पंवार कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं। निर्दलीय के लिए यह बहुत बड़ी बात है।
पंवार सीधे अपने विजन को लेकर जनता से बात कर रहे हैं। मतदाताओं को यह समझाने में कामयाब हो रहे हैं कि दिनेश अग्रवाल के 10 साल और विनोद चमोली के 5 साल आपने देख लिए है। क्षेत्र में आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। समस्याओं का अंबार है। जनप्रतिनिधियों ने अपना तो विकास किया। लेकिन, विधानसभा क्षेत्र के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहें है। लोग परेशान हैं।
भाजपा के पूर्व महानगर सह मीडिया प्रभारी गिरिराज उनियाल अधिक आक्रामक दिखाई दे रहे हैं। वह विनोद चमोली और दिनेश अग्रवाल पर लगातार तीखा हमला बोल रहे हैं। हालांकि, भाजपा के प्रति उनका रुख बिल्कुल नरम है।