धौली गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने से मची अफरा-तफरी, भागे मजदूर
-मंगलवार को धौली गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोग एक बार फिर सहम गए। पिछले साल फरवरी में ऋषि गंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियर टूटने से नदी में बाढ़ आ गई थी। यहां एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना में कई मजदूर जिंदा दफन हो गए थे।
धौलीगंगा (जोशीमठ) का जलस्तर अचानक बढ़ने से तपोवन बैराज साइट पर अफरा-तफरी मच गई। बैराज साइट पर एनटीपीसी की ओर से लगाए अलार्म सिस्टम बजने से वहां काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। जलस्तर बढ़ने से कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, काम कुछ देर तक बाधित रहा।
काम कर रही एनटीपीसी सतर्क
पिछले साल फरवरी में ऋषि गंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियर टूटने से नदी में बाढ़ आने से एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान हो गया था। कई मजदूर जिंदा दफन हो गए थे। आपदा को देखते हुए 520 मेगावाट वाली तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का काम कर रही एनटीपीसी सतर्क हो गई है।
धौली गंगा के किनारे लगाया अलार्म सिस्टम
कंपनी की ओर से धौली गंगा के किनारे अलार्म सिस्टम लगाया गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने पर यह अलार्म सिस्टम बजने लगता है। मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे अचानक अलार्म बजने लगा। एक घंटे बाद नदी का जलस्तर सामान्य हो गया, जिसके बाद परियोजना के बैराज व सुरंग साइट पर फिर से काम शुरू हो गया।
बर्फ के साथ पिघल रहे ग्लेशियर
दरअसल, पहाड़ में इन दिनों तेजी से गर्मी बढ़ने से बर्फ के साथ ग्लेशियर पिघल रहे हैं और नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। एनटीपीसी के पीआर नवजोत ने बताया कि मंगलवार सुबह नदी का जलस्तर बढ़ने से अलार्म सिस्टम बजने लगा। बैराज साइट पर काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर भेजकर साइट को खाली करा दिया गया।