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सरकारी नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा: चेयरमैन, निदेशक, प्रबंधक पदों पर बैठे लोगों के बच्चे बने चपरासी

-उत्तराखंड के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर 3 जिलों के रिजल्ट के बाद चुने गए के नाम अभ्यर्थियों चौंकाने वाले हैं। चयनित अभ्यर्थियों में भाई-भतीजावाद उजागर हुआ है। सहकारी बैंकों में भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने मामले की जांच शुरू की है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। राज्य के सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों के लिए की गई भर्ती परीक्षा के 3 जिलों ने परिणाम जारी किए हैं। चुने गए अभ्यर्थियों में भाई-भतीजावाद उजागर हुआ है। नौकरी सरकारी हो तो कुछ भी चलेगा की तर्ज पर चेयरमैन, निदेशक और प्रबंधक जैसे पदों पर बैठे लोगों के बच्चों को उसी विभाग में चपरासी बनने में भी गुरेज नहीं है। उनका चयन चपरासी के लिए किया गया।

अभी तो मात्र 3 जिलों का रिजल्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों की आगे की प्रक्रिया पर रोक के बाद जांच शुरू हो गई है। सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने मामले की जांच शुरू की है।

3 जिलों के रिजल्ट जारी होने के बाद जिस तरह से चयनित अभ्यर्थियों के नाम सामने आ रहे हैं, वह चौंकाने वाले हैं। इससे भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अफसरों के अलावा नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। सहकारिता विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो सहकारी संघ के एक चेयरमैन का भतीजा, उत्तरकाशी जिले के दूसरे अधिकारी का बेटा, पिथौरागढ़ के एक चेयरमैन के छोटे भाई की पत्नी, देहरादून में तैनात एक संविदा कर्मचारी की पत्नी, जिला सहकारी कार्यालय में तैनात अधिकारी के बेटे सहित तमाम नाम सामने आ रहे हैं, जिनका चयन हुआ है।

चयन नहीं हुआ तो कर दी शिकायत 

भाई-भतीजावाद के इस खेल में नेताओं और अफसरों का नाम भी सामने आ रहा है, जिनकी सिफारिश पर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। इसमें कुछ नेता सीधे तौर पर सहकारिता से जुड़े हैं तो कइयों ने दूसरे नेता-अफसरों से सिफारिश लगवाई। अब इस मामले में सहकारिता से जुड़े अफसर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। सहकारिता से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ नेताओं के रिश्तेदारों का चयन नहीं हुआ तो उन्होंने दूसरे नेताओं को साथ लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर मामले में शिकायत कर दी। जबकि, वह खुद अपने रिश्तेदारों का चयन कराने की सिफारिश लगवा रहे थे।

अनुभाग अधिकारी अमित शर्मा निलंबित

उप निबंधक अल्मोड़ा नीरज बेलवाल की अध्यक्षता में जांच कर रही कमेटी ने दूसरे दिन जिला सहकारी बैंक देहरादून की पत्रावलियां खंगालीं। पहले दिन जांच टीम को प्रबंधन की ओर से सहयोग न किए जाने की बात सामने आई थी। इस पर जांच टीम ने देर शाम प्रशासनिक भवन को सील कर दिया था। मामले में जांच में सहयोग न करने पर महाप्रबंधक वंदना श्रीवास्तव की ओर से अनुभाग अधिकारी अमित शर्मा को निलंबित किया जा चुका है।

दोषी के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई : मीनाक्षी सुंदरम

सहकारिता विभाग की भर्ती में जांच के दायरे में आए जिलों में जिला सहकारी बैंकों के जिला सहायक निदेशक (एआर) व महाप्रबंधक (जीएम) बदले जाएंगे। सहकारिता सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि निष्पक्ष जांच के लिए शासन स्तर पर यह फैसला लिया गया है। कहा कि मामले में शिकायत मिलने के तुरंत बाद समिति का गठन कर जांच शुरू करा दी गई है। जांच समिति को 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बैकडोर से भर्ती किए 250-300 कर्मचारी

राज्य निर्माण के बाद यह दूसरा मौका है, जब सहकारिता विभाग में सीधी भर्ती प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे पहले वर्ष 2016-17 में भर्तियां हुईं थीं। तब भी हरिद्वार-अल्मोड़ा जिले में हुई भर्तियों में विवाद हुआ था, जो अब भी कोर्ट में विचाराधीन है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बीते कई वर्षों से विभाग में भर्तियां ही नहीं हुईं, तो कामकाज कैैसे चल रहा था? विभाग के पुष्ट सूत्रों की मानें तो पिछले तीन सालों में बैकडोर से 250 से 300 संविदा कर्मियों को नियमित कर दिया गया। इस मामले की भी जांच की जाए तो कई नए और चौंकाने वाले राज उजागर हो सकते हैं।

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