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दून विश्विद्यालय दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने 93 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा

– माता मंगला व महंत देवेन्द्र दास महाराज को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डीलिट) की मानक उपाधि से अलंकृत किया गया। सभी विभागों में स्नातक व परस्नताक (वर्ष 2017, 2018, 2019 व 2020) में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 93 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किए। दीक्षांत समारोह में 1269 स्नातक, कुल 802 परास्नातक, 29 पीएचडी, 2 को एमफिल व कुल 2102 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। दून विश्विद्यालय में 15 दिसंबर को द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजित किया गया। इस वर्ष दीक्षांत समारोह की थीम ‘सशक्त नारी‘ रही। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। समाजसेविका माताश्री मंगला व महंत देवेन्द्र दास महाराज को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डीलिट) की मानक उपाधि से अलंकृत किया गया। सभी विभागों में स्नातक व परस्नताक (वर्ष 2017, 2018, 2019 व 2020) में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 93 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किए। दीक्षांत समारोह में 1269 स्नातक, कुल 802 परास्नातक, 29 पीएचडी, 2 को एमफिल व कुल 2102 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह का आयोजन हाइब्रिड मोड पर किया गया ताकि देहरादून से बाहर के विद्यार्थी ऑनलाइन प्रतिभाग कर सकें।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त)गुरमीत सिंह ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले को शुभकामनाएं दी। उन्होंने दीक्षांत समारोह की सशक्त महिला सशक्त राष्ट्र की थीम खुशी जाहिर की। 70 प्रतिशत स्वर्ण पदक छात्राओं ने अर्जित की है। उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्था, राज्य और देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लेना चाहिए। हमें भारत को ‘ज्ञान महाशक्ति’ बनाने की जरूरत है। उन्होंने सीडीएस स्व बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व 12 वीर योद्वाओं को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी।

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गंभीर रूप से कार्य कर रही है। सरकार पिछले साढ़े चार साल से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है। राज्य के 13 जनपदों में 13 बालिका छात्रावास के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है, जिससे बेटियों की पढ़ाई और सुगम हो सकेगी। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति सरकार के तरफ से कोचिंग के लिए निशुल्क सहायता दी जाएगी। साथ ही मेधावी गरीब छात्रों के लिए सरकार पीएचडी के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध संस्थान का दिसंबर की आखरी में उद्घाटन किया जायेगा।

समाज सेविका माता मंगला ने डी लिट की उपाधि प्रदान करने पर दून विश्विद्यालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया किया की हंस फाउंडेशन लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। फाउंडेशन उत्तराखंड में 200 स्वास्थ्य वेन चला रही है, जिससे पहाड़ की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधा मिल सके। उन्होंने सीडीएस स्व बिपिन सिह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व 12 वीर योद्वाओं को श्रद्धांजलि भी दी।

दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की थी ‘सशक्त नारी’ है, यह पूरी तरीके से नारी सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। उन्होंने मेधावी छात्रों, हंस फाउंडेशन की मुखिया माता मंगला व गुरु राम राय दरबार के महंत देवेंद्र दस महाराज को डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स (डीलिट्) की मानक उपाधि के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि दून विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह के बैनर, आमंत्रण पत्र में उत्तराखंड की एपण कला से सृजित किया गया है। उन्होंने बताया कि दून विश्विद्यालय ने उत्तराखंड की 40 महिलाओं को अपनी ही दून कैंटीन में रोजगार दिया है। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध की नीव दून विश्विद्यालय में रखी गई, जहां उत्तराखंड के तमाम शोध किया जाएगा।

समारोह में दून विश्वविद्यालय के फाइनेंस ऑफिसर सुनील कुमार रतूड़ी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो एससी पुरोहित, प्रो कुसुम अरुनाचलम, प्रो आरपी ममगईं, प्रो चेतना पोखरियाल, प्रो हर्ष डोभाल, डॉ अरुण कुमार, डॉ नितिन कुमार, डॉ करुणा शर्मा, डॉ राशि मिश्रा, डॉ अर्चना शर्मा और डॉ राजेश भट्ट उपस्थित रहे। प्रोफेसर डीपी त्रिपाठी, प्रोफेसर हेमचन्द्र प्रोफेसर सुनिल जोशी, प्रोफेसर एचएस रावत, प्रोफेसर अजीत कर्नाटक, प्रोफेसर जेपी पचोरी, प्रोफेसर ओपीएस नेगी, प्रोफेसर पीडी जुयाल प्रोफेसर एमएसएम रावत, पद्मश्री पीसी शर्म, पद्मश्री डाँ बीके संजय आदि शिक्षाविद् उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने किया।

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