मातृभाषा एक दिन याद न करें, बल्कि आम बोलचाल की भाषा बनाएं: डॉ सुरेखा
-मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में दून विश्वविद्यालय में किया गया सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
देहरादून (Dehradun)। मातृभाषा दिवस मनाने के अनुक्रम में मंगलवार को दून विश्वविद्यालय jDoon university) में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल (vice chancellor Pro Surekha Dangwal) ने किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा से ही व्यक्ति की पहचान होती है। हमें घर परिवार में मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए। किसी एक खास दिन मातृभाषा को याद नहीं करना चाहिए। बल्कि, उसे आम बोलचाल का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि मातृ भाषा जीवित रहे।
डंगवाल ने भारतेंदु हरिश्चंद्र (bhartendu harishchandra) आदि का मातृभाषा के लिए दिए योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी भाषा के प्रभाव मे नहीं आना चाहिए और अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने लोकनृत्य, लोकगीत, स्वरचित कविताएं, भाषण आदि प्रस्तुत किए। ऐश्वर्या थपलियाल ने विशेष प्रस्तुति दी। शिक्षकों ने भी लोकगीत पर प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ एमएस मंद्रवाल, डॉ एचसी पुरोहित, सुनीत नैथानी, आलोक मलासी, डॉ नितिन कुमार, मधु बिष्ट, ओमकार, अस्मिता आदि मौजूद रहे।