गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ अजय सेमल्टी विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल
गढ़वाल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में विगत 17 वर्षों से सेवा दे रहे हैं असिस्टेंट प्रोफेसर (डॉ) अजय सेमल्टी अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की सूची में हुए शामिल। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध समूह की ओर से जारी रिपोर्ट में विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों के सूची में डॉ सेमल्टी को शामिल किया गया है।
देहरादून Dehradun। गढ़वाल विश्वविद्यालय के खाते में एक और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि जुड़ी हैं। विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में गत 17 वर्षों से सेवा दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अजय सेमल्टी (Dr Ajay semalty) का नाम अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों (international scientist) की सूची में दर्ज हुआ है। हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford university) के शोध समूह की ओर से जारी रिपोर्ट में डॉ सेमल्टी विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों के सूची में शामिल किया गया है । डॉ सेमल्टी को फार्मेसी व फार्माकोलॉजी की विश्व रैंकिंग में टॉप 2 प्रतिशत में शामिल किया गया है।
डॉ सेमल्टी ने बताया कि विपरीत परिस्थितियों व संसाधनों की कमी के बावजूद उपलब्धि मिलना एक सुखद अनुभव है। यह उपलब्धि उनको शोध कार्यों को नए आयाम देने के लिए प्रेरित करेगी।
डॉ सेमल्टी ने विश्वविद्यालय नाम जोड़ा था पहला भारतीय पेटेंट
विदित हो कि डॉ सेमल्टी ने ही विश्वविद्यालय के खाते में पहले भारतीय पेटेंट को विगत वर्ष में जोड़ा है। उक्त पेटेंट उन्हें मोटापे को दूर करने में सक्षम हर्बल फॉर्मूलेशन के लिए उनके शोध समूह के डॉ मोना सेमलटी व राहुल कुमार के साथ मार्च 2019 में प्रदत्त हुआ। वे मुख्य रूप से हर्बल ड्रग डिलीवरी, दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने, माइक्रो और नैनोपर्टिकल फॉर्मूलेशन और उनके संरचनात्मक अध्ययन पर कार्य कर रहे हैं। हाल ही में वे भाभा परमाणु शोध संस्थान में ध्रुवा न्यूक्लियर रिएक्टर में परमाणु वैज्ञानिकों के साथ दवाओं के ननोपर्टिकल पर अध्ययन में रत रहे हैं।
6 शोध परियोजनाएं पूरी, 3 पर काम जारी
डॉ सेमल्टी इस्राएल साइंस फाउंडेशन, आइसलैंड रिसर्च फाउडेशन एवम् इटली सरकार के विज्ञान तकनीकी मंत्रालय के लिए अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की चयन समिति में एक्सपर्ट के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके द्वारा 75 शोध पत्र विभिन्न उच्च कोटि के राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित किए गए है। उनकी 6 पुस्तक व 2 पुस्तक अध्याय प्रकाशित हो चुके हैं। 02 और पुस्तक प्रकाश ना धीन हैं। उनका इंडेक्स 24 व साइटेसंस 1900 से अधिक है जो उनके वैज्ञानिक शोध पत्रों के अन्य शोधार्थियों द्वारा व्यापक रूप से संदर्भित किए जाने का प्रमाण है। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर यूजीसी की ओर से भी 2016-18 में प्रतिष्ठित शोध पुरस्कार प्रदत्त हुआ था। 2011-12 में जापान के मेजो विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय पोस्ट डॉक्टोरल शोध परियोजना के लिए चुना गया और जापान आमन्त्रित किया गया था। इसके साथ डॉ सेमल्टी ने प्रदेश सरकार के आमंत्रण पर समय समय पर उच्च शिक्षा के गुणवत्ता उन्नयन हेतु अपने सुझावों को साझा करते हैं।
कालेजों में चल रहा है डॉ सेमल्टी का ई-लर्निंग क्लासरूम का मॉडल
रूसा के माध्यम से उनका हर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई-लर्निंग क्लासरूम का मॉडल उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार धन सिंह रावत के प्रयास से धरातल उतर चुका है। शोध के साथ ही डॉ सेमल्टी ने भारत सरकार के स्वयम पोर्टल के लिए दो ऑनलाइन कोर्सेस अकेडमिक राइटिंग व इंडस्ट्रियल फार्मेसी भी बनाए हैं, जो विश्वविद्यालय के पहले ऑनलाइन कोर्सेस हैं। एकेडमिक राइटिंग कोर्स ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। यह कोर्स लागातार विगत दो बार से परीक्षा पंजीकरण में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम रहा है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार व प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने उक्त कोर्स की राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति की पुष्टि की है। 95 से भी अधिक देशों के 36000 से भी अधिक शिक्षार्थी उक्त कोर्सेस में पंजीकृत हुए है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
स्वयंप्रभा चैनल के लिए 57 घंटे से अधिक के 100 से ज्यादा वीडियो व्याख्यान किए रेकॉर्ड
लॉकडाउन के समय में डॉ सेमल्टी ने आईआईटी मद्रास के स्वयंप्रभा चैनल के लिए डॉ मोना सेमल्टी के साथ 57 घंटे से अधिक के 100 से भी अधिक वीडियो व्याख्यानों को रेकॉर्ड किया। वे भारत सरकार के स्वयंप्रभा चैनल 15 में प्रसारित होने के बाद यूट्यूब पर भी उपलब्ध किए जा रहे हैं। इस विकट समय में पठन-पाठन की समस्याओं को ऑनलाइन कॉन्टेंट के माध्यम से दूर करने के लिए उन्होंने विश्वविद्यलय के स्वयं प्रकोष्ठ के कोऑर्डिनेटर के रूप में नई वेबसाइट www.swayamhnbgu.in बनाई। साथ ही स्वयं ऑनलाइन कोर्सेस (मूक्स) व भारत सरकार के अन्य डिजिटल शैक्षणिक रिसोर्सेज को शिक्षकों व छात्रों को उपलब्ध कराने और उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया।
कुलपति और कुलसचिव ने बताया बड़ी उपलब्धि
डॉ सेमल्टी की उपलब्धि पर कुलपति प्रोफेसर (डॉ) अन्नपूर्णा नौटियाल और कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी उन्हें बधाई दी। उन्होंने डॉ सेमल्टी की उपलब्धि को विश्वविद्यालय के लिए भी महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया ।