डॉ अलका अरोड़ा की का एक गीत… जहर थोड़ा सा चख लीजिए
डाॅ अलका अरोड़ा
प्रोफेसर, देहरादून
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विधा – गीत
जहर थोड़ा सा चख लीजिए
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थोड़ा हम से बचा कीजिए
दिल अपना लगा लीजिए
प्यार का नाम लेते हो क्यूं
थोड़ा शिकवा किया कीजिए
एतबारों की दुनिया में तुम
बदनाम यूँ भी हुआ कीजिए
फूल हँसते रहे देखकर तुमको भी
तुम भी थोड़ा सा हँस लीजिए
रोग दिल का *भला* कब हुआ
गम से रिश्ता निबाह लीजिए
आँसू सूखा है गालों पे आज
जुगनू आँखो में रहने दीजिए
तोड़ दी हैं ये जंजीरे कब से
हमको भी उड़ने दीजिए
मैं हूँ तेरा कहता रहा वो
बात हमसे एक दफा कीजिए
आसमाँ को समेटा है खुद में बहुत
ख्वाब फिर भी जमी के लीजिए
दिल की बातें दिलों तक भली
बात बाजार की मत कीजिए
वफा चलकर के आई है तुझ तक
एक दफा मुस्कुरा लीजिए
दुनियाँ तेरी हुई ना कभी भी
बात छोटी सी जान लीजिए
हम तो कर बैठे इजहारे इश्क
जहर थोड़ा सा चख लीजिए
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सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रकाशित…..23/02/2021
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