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डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना, चलो आसमां पे दास्तां लिखते हैं..

डॉ अलका अरोड़ा
प्रोफेसर, देहरादून
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जिन्दगी की शाम
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चलो आसमाँ पे दास्ताँ लिखते हैं
तुम हमें देखो, हम तुम्हें देखते हैं
सितारे जो खलल बीच में डाले
इशारों इशाररों में चलो गुफ्तगू करते हैं।

हमने बांधी द्वार पर चमकीली तोरण
सजायी इस तरह महफिल जैसे दुल्हन
मुस्कान चेहर पे खिला कर अपने
इक मुलाकात का इन्तेजाम करते हैं।

एक कतरा ही लिया खुशी का हमने
सागर बहता रहा नजरों में सभी
काश भर लेते दामन में मोती सभी
इस तरह भी चलो जिन्दगी की शाम करते हैं।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..21/12/2020
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