जिला जज के बाद अब डॉ पीयूष रौतेला निलंबित, हाईकोर्ट को जवाब देने में बरती लापरवाही
-उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ पीयूष रौतेला ने हाईकोर्ट को जवाब देने में बरती लापरवाही। अब शासन ने किया नलंबित
देहरादून (dehradun)। कल जिला जज देहरादून (district judge dehradun) के निलंबित होने जे बाद आज शासन ने उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ पीयूष रौतेला (Dr Piyush rautela) को निलंबित कर दिया। रौतेला पर आरोप है कि उन्होंने गंगोत्री ग्लेशियर में फैल रहे कूड़े से बन रही झील के मामले में हाईकोर्ट को रिपोर्ट देने में लापरवाही बरती। प्रभारी सचिव (आपदा प्रबंधन) एसए मुरुगेशन ने डॉ रौतेला के निलंबन की पुष्टि की।
गौरतलब है कि गंगोत्री ग्लेशियर में फैल रहे कूड़े और इस कारण बन रही झील के मामले में हाईकोर्ट गंभीर रहा। Nainital हाईकोर्ट (nainital high court) ने सचिव आपदा प्रबंधन को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि सचिव आपदा प्रबंधन (secretary disaster management) सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं है।
न्यायालय ने यह टिप्पणी उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर की थी। गौतम ने अपनी याचिका में कहा था कि गंगोत्री ग्लेशियर में कूड़े कचरे की वजह से पानी ब्लाक हो गया और कृत्रिम झील बन गई। न्यायालय ने 2018 में सरकार को तीन माह में इसकी मॉनिटरिंग करने और छह माह में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।