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नई शिक्षा नीति को मंजूरी, 10वीं का बोर्ड खत्म, सिर्फ 12वीं का बोर्ड, एमफिल भी खत्म

शब्द रथ न्यूज। नई शिक्षा नीति में 34 साल बाद बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति में 10वीं का बोर्ड ख़तम कर दिया है। अब सिर्फ 12वीं में ही बोर्ड परीक्षा होगी। शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन में मोदी ने नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि कहा कि बदलते समय के साथ एक नई विश्व व्यवस्था खड़ी हो गई है। एक नया ग्लोबल स्टैंडर्ड भी तय हो रहा है। बदलते ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से भारत के एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करने भी बहुत जरूरी है। स्कूल से 10+2 को बदलकर 5+3+3+4 कर देना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। हमें अपने स्टूडेंट्स को ग्लोबल सिटीजन बनाना है। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि वह ग्लोबल स्टूडेंट्स बनने के साथ-साथ अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें। नयी शिक्षा नीति में ऐसा प्रावधान किया गया है कि छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाने के साथ साथ उनको अपने जड़ों से भी जोड़कर रख जाएगा।

नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें

5 Years Fundamental
1. Nursery @4 Years
2. Jr KG @5 Years
3. Sr KG @6 Years
4. Std 1st @7 Years
5. Std 2nd @8 Years

3 Years Preparatory
6. Std 3rd @9 Years
7. Std 4th @10 Years
8. Std 5th @11 Years

3 Years Middle
9. Std 6th @12 Years
10.Std 7th @13 Years
11. Std 8th @14 Years

4 Years Secondary
12. Std 9th @15 Years
13. Std SSC @16 Years
14. Std FYJC @17Years
15. STD SYJC @18 Years

-केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड।
कॉलेज की डिग्री 4 साल की। 10वीं बोर्ड खत्‍म।

MPhil भी होगा बंद। (जेएनयू जैसे संस्थानों में 45 से 50 साल के स्टूडेंट्स कई बरसों तक वहां पडे रहकर MPhil करते हैं, यह सभी ऐयाशी वामपंथी विचारधारा वाले राष्ट्रद्रोही को संस्थान से अब हटाया जा सकेगा)

-अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

-अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।

-9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया* जाएगा।

-कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी यानी कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।

-3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।

-अब स्‍टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा। बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD* कर सकेंगे।

-स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे अन्य दूसरे कोर्स। हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा। वहीं, नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में यदि कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।

-हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं, इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नेशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें, कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।

-सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम। इस नियम के मुताबिक नए शैक्षणिक सत्र शुरू किया जा सकता है।

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