शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का अफसरों से संवाद, सरकारी व प्राइवेट स्कलों में एक सिलेबस का सुझाव
देहरादून। उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए टास्कफोर्स का बनाई जाएगी। इसके लिए शिक्षाविदों के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में का कर रहे लोगों और शिक्षकों की भी राय ली जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के संवाद के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में प्राइमरी स्तर तक एक ही सिलेबस रखने के सुझाव मिल रहे हैं। यह बहुत अच्छा सुझाव है, इस पर गंभीरता से अमल किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मंगलवार को नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा से वर्चुअल क्लासरूम से विभागीय अधिकारियों के साथ संवाद किया। इस दौरान नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। पांडे ने कहा कि नई शिक्षा नीति को बेहतर ढंग से लागू किया जाना है। इसलिए इसमें सबके विचार और सहयोग आवश्यक है। नई शिक्षा नीति नए भारत की नींव है। सरकारी विद्यालयों में अब तक कक्षा 8 तक निशुल्क शिक्षा दी जाती थी। अब 12वीं तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इस अवसर पर एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक कुलदीप गैरोला ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न बिंदुओं और उन पर की जाने वाली कार्यवाही को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। संवाद कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा निदेशक एसपी खाली, एडी माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल, वीएस रावत, एडी गढ़वाल एमएस बिष्ट, मुकुल सती, रघुनाथ लाल आर्य, शशि चौधरी, अजय नौडियाल, दिनेश गौड़, विनोद ढौंडियाल, डॉ मोहन सिंह बिष्ट, डॉ विनोद ध्यानी आदि ने प्रतिभाग किया।
नई शिक्षा नीति को लागू करना बड़ी चुनौती
अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति को पूर्व प्राथमिक स्तर तक लागू करवाना चुनौती है। इसके लिए आईसीडीएस के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्रों की मैपिंग की जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान के लिए अर्ली लैंग्वेज अर्ली मैथेमेटिक्स कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को बढ़ाकर 3340 विद्यालयों तक पहुंचाया जाएगा।