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सरकारी नौकरी करने वालों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें, सरकार विधानसभा में पास कराए प्रस्ताव

देहरादून। सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के बच्चे आवश्यक रूप से सरकारी में एडमिशन लें, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करें। अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड ने सरकार से यह मांग की है। इस संबंध में एसोसियेशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया व प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ज्ञापन भेजा है।
एसोसियेशन की ओर से ज्ञापन में कहा गया है कि नई शिक्षा नीति में प्रदेश के सभी कार्मिक जिन्हें सरकारी कोष से भुगतान किया जाता है। अन्य लोग जिनको सरकारी कोष से भुगतान किया जाता है, उन सभी के बच्चे सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करेंगे। उत्तराखंड सरकार विधानसभा में ऐसा प्रस्ताव से पारित करवाए। साथ प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया है। प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने बताया कि एसोसिएशन का मानना है कि जब सभी जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में प्रवेश लेंगे, तभी जाकर छात्र संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही विद्यालयों को संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। बुटोइया ने मांग की है कि सरकारी कोष से सहायता लेकर एनजीओ चलाने वाले, निर्माण कार्य करने वाले, ऋण लेने वाले, ठेकेदारी करने वाले साथ ही वार्ड मेंबर से लेकर पार्षद, सरपंच, मेयर, सभापति, विधायक, मंत्री, सांसद आदि सभी के बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करेंगे, ऐसी बाध्यता होनी चाहिए।

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