भगत सिंह की जयंती पर होगा शिक्षा आंदोलन, 28 सितंबर को स्वैच्छिक भारत बंद
देहरादून। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के नेहरु कॉलोनी स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में गुरुवार को पदाधिकारियों की आकस्मिक बैठक हुई। बैठक में 28 सितंबर को शिक्षा आंदोलन के नाम पर होने वाले भारत बन्द के लिए रणनीति तय की गई। तय किया गया कि 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती शिक्षा आंदोलन के रूप में मनाई जाएगी। उस दिन विभिन्न मांगों को लेकर स्वैच्छिक भारत बंद कार्यक्रम किया जाएगा।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान बताया की कोरोनाकाल में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी हैं। हजारों लोग बेरोजगार हो चुके हैं, लाखों की नौकरियां चली गयी हैं। लेकिन, प्राइवेट स्कूलों की फीस की मांग बंद नहीं हो रही है। स्कूल प्रशासन फीस जमा न करने पर बच्चों को न सिर्फ ऑनलाइन क्लास से टर्मिनेट कर रहे हैं बल्कि बच्चों का नाम भी स्कूलों से काटा जा रहा है। विभिन्न राज्यों में अभिभावक संघों ने शिक्षा विभाग व सरकारों के समक्ष समस्या रखी। कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक का सहारा लेना पड़ा। लेकिन, किसी भी राज्य के अभिभावकों को राहत नहीं मिली। इसके विरोध मे अब देश के 28 राज्यों के अभिभावक एकजुट हो गए हैं। गूगल मीट के जरिये चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है कि 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती को शिक्षा आंदोलन के रूप मे मनाया जाएगा। स्वैछिक भारत बंद में सभी राज्यों के अभिभावक सुबह 11 बजे हैशटैग के साथ अपने राज्यों से शिक्षा के लिए उठने वाली मांग और भारत बन्द को सोशल मीडिया पर डालकर सरकार को अभिभावकों का दर्द दिखाने का प्रयास करेंगे ताकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें सिर्फ निजी स्कूलों को ही न देखें बल्कि अभिभावकों व छात्रों के विषय में भी सोचें। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट राजगीता शर्मा, उपाध्यक्ष रवि त्यागी, महानगर उपाध्यक्ष गुरजेन्द्र सिंह, सोमपाल सिंह, पंकज कुमार गोयल, दीपक मलिक, एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा, दीपक जोशी आदि मौजूद रहे।
इन मांगों को लेकर भारत बंद और प्रदर्शन
-नो स्कूल नो फीस
– नो वैक्सीन नो स्कूल
-फीस के लिए चलने वाली व्हाट्सएप ऑनलाइन क्लॉस बन्द हों
-शिक्षा नियामक आयोग शीघ्र बनाया जाए
-फीस एक्ट शीघ्र बनाया जाए
-फीस ना जमा होने पर किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित करने वाले स्कूलों के खिलाफ आरटीई एक्ट मे एफआईआर दर्ज हो
-सभी विद्यालयों मेएनसीईआरटी सख्ती से लागू की जाएं