शिक्षा विभाग में प्रकोष्ठ के नाम पर अधिकारी व शिक्षकों को किया सेट
-प्रकोष्ठ बनाने के लिए शिक्षा मंत्री से भी अनुमति नहीं ली गई। साथ ही नियुक्तियां भी अपने आप ही कर गई हैं।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। शिक्षा विभाग में अधिकारी-शिक्षकों के समायोजन का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्रस्तावित प्रकोष्ठ के गठन को मंजूरी भी नहीं मिली। लेकिन, विभाग ने प्रकोष्ठ में 13 अधिकारी व शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश कर दिए। हालात यह हैं कि प्रकोष्ठ बनाने के लिए शिक्षा मंत्री से अनुमति तक नहीं ली गई। साथ ही नियुक्तियां भी अपने आप ही कर दी।
शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने प्रकोष्ठ बनाने व उसमें नियुक्तियां करने का मामला सामने आने पर शिक्षा सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम से फोन पर बात कर नाराजगी जताई है। पांडे ने कहा कि इस प्रकार के प्रकोष्ठ की कोई जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि शिक्षा महानिदेशक ने बीते रोज 13 लोगों की प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। महानिदेशक का कहना है कि गत 26 अक्तूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। बैठक में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्वतंत्र प्रकोष्ठ बनाने के निर्देश दिए थे। इस प्रकोष्ठ के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। नई शिक्षा नीति पर काम शुरू हो चुका है। ऐसे में इस काम के लिए कर्मचारियों को जरूरत है। सरकार से प्रकोष्ठ गठन की अनुमति की प्रत्याशा में नियुक्तियां की गई है।
इनको मिली प्रकोष्ठ में तैनाती
शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला, प्रदीप रावत, आरपी डंडरियाल, शैलेंद्र अमोली, अमित कुमार चंद, प्रधानाध्यक भरत सिंह रावत, प्रवक्ता मदन मोहन जोशी, रविदर्शन तोपवाल, सहायक अध्यापक कामाक्षा मिश्रा, मनोज बहुगुणा, प्रधान सहायक शैलेंद्र सिंह, राजकुमार, सचिन नौटियाल।
चहेतों की सेटिंग को बनाया प्रकोष्ठ!
शिक्षा विभाग में चर्चा है कि इस वक्त तबादलों पर रोक है। ऐसे में चहेते अधिकारी व शिक्षकों को दुर्गम से लाने सुगम में लाने के लिए प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। प्रकोष्ठ के गठन को अभी मंजूरी भी नहीं मिली, उसमें प्रत्याशा के आधार पर ही कैसे नियुक्तियां की गई? यदि सरकार ने प्रकोष्ठ मंजूर न किया तो यह अधिकारी व शिक्षक कहां जाएंगे।
विभाग में अकादमिक शोध और प्रशिक्षण के लिए एससीईआरटी व सीमेट जैंसे संस्थान है। संस्थानों के होते हुए नया प्रकोष्ठ बनाने का औचित्य नहीं है। यदि यहां दूरदराज से अधिकारी-शिक्षक लाकर काम कराया जाएगा तो इन संस्थानों की जरूरत ही क्या है? शिक्षा सचिव को मामले में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
अरविंद पाण्डेय, शिक्षा मंत्री
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के काम को गति देने के लिए प्रकोष्ठ बनाया जा रहा है। भविष्य में इस विषय पर उच्चस्तर से विचार विमर्श कर समुचित निर्णय किया जाएगा।
बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक