प्रोत्साहन राशि: दिव्यांग पूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से दिए जाएंगे 5000 रुपये
-राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था की वेबसाइट विकसित की जाए ताकि पूर्व सैनिकों व उनके आश्रित सरलता से संपर्क कर सकें। राज्यपाल ने शहीदों की विधवाओं के कल्याण व पुनर्वास पर विशेष बल देने की बात कही। कहा कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था का पूर्णत: आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने राजभवन में हुई सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक में प्रदेश के दिव्यांग पूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से 5001 रुपये की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में सैनिक व उनके आश्रितों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान होना चाहिए।
उन्होंने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल फैनई व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के लाभार्थियों, जिनमें पूर्व सैनिक, वीर नारियां, सैनिक आश्रित व दिव्यांग सैनिक के आंकड़े डिजिटल रूप से उपलब्ध करवाए जाएं।
राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था की वेबसाइट विकसित की जाए ताकि पूर्व सैनिकों व उनके आश्रित सरलता से संपर्क कर सकें। राज्यपाल ने शहीदों की विधवाओं के कल्याण व पुनर्वास पर विशेष बल देने की बात कही। कहा कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था का पूर्णत: आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए।
सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण केंद्र प्रत्येक जनपद में खोलने के किए जाएं प्रयास
सैनिक पुनर्वास संस्था के साथ बैठक में राज्यपाल ने कहा कि वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों व उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने संस्था को निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक जनपद में सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए तात्कालिक रूप से विद्यालयों के खेल मैदानों का प्रयोग किया जा सकता है। कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को प्रयास करने होंगे कि राज्य के बहुसंख्यक भूतपूर्व सैनिकों की राज्य में जैविक खेती, नेचुरल फार्मिंग, फॉरेस्टेशन, सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन में किस तरह गेमचेंजर की भूमिका हो सकती है।
हिम प्रहरी योजना पर किया जाए विचार
राज्यपाल ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की बेटियों की एनडीए, सैनिक सेवाओं व अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय व राज्य सरकार की सेवाओं में किस प्रकार भागीदारी बढ़े, इसके लिए सैनिक पुनर्वास संस्था को भी प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने सैनिकों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार व सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं के समन्वय की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही हिम प्रहरी योजना में सैनिक पुनर्वास संस्था क्या योगदान दे सकती है, इस पर विचार किया जाए।
उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कृषि भूमियों का किया जाएगा निरीक्षण
राज्यपाल ने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कृषि भूमियों का निरीक्षण किया जाएगा। संस्था की 1423 एकड़ भूमि का अधिकतम सदुपयोग किया जाना चाहिए, इन पर एरोमेटिक, मेडिसिनल हर्बस व ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने इस पर ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव एल फैनई, राज्यपाल के सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव स्वाति भदौरिया, वित्त नियंत्रक राजभवन डॉ तृप्ति श्रीवास्तव, उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।