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पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने पूछे धामी सरकार से सवाल

-कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के फार्मूले को खारिज कर दिया है। हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर राज्य को हितों को गिरवी रख दिया है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के फार्मूले को खारिज करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह साझा प्रेसवार्ता कर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर राज्य को हितों को गिरवी रख दिया है। लेकिन, कांग्रेस इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी।

देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार जिस समझौते को उपलब्धि बताते नहीं थक रही, वो उसकी सबसे बड़ी हार है। समझौते को कांग्रेस कतई स्वीकार नहीं करेगी। इसके खिलाफ सड़क से सदन तक विरोध किया जाएगा। समझौते के खिलाफ कांग्रेस कानूनी लड़ाई भी लड़ेगी।

रावत ने पूछे सवाल

-वर्ष 2018 में उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के बीच सिंचाई विभाग की संपत्ति को 75:25 के अनुपात में बांटने पर सहमति बनी थी। आज दोबारा से सर्वेक्षण क्यों?
-राज्य की संपत्तियों को लेकर विभिन्न अदालतों में दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला क्यों लिया? इससे तो राज्य भविष्य के रास्ते भी बंद हो गए हैं।
-सभी न्यायिक केस वापस लेने से राज्य का टिहरी बांध के स्वामित्व का दावा क्या अब खत्म नहीं हो जाएगा?
-कांग्रेस सरकार में बैगुल, नानकसागर जलाशय पर राज्य के अधिकार को सैंद्धातिक सहमति गई थी। अब केवल बोटिंग की अनुमति पर खुशी क्यों?
-अदालत ने स्पष्ट कहा कि रोडवेज की संपत्तियों का उचित भुगतान हो। फिर 700 करोड़ की जगह 255 और अब 205 करोड़ रूपये पर क्यों माने?

उत्तर प्रदेश पुनर्गठन एक्ट के प्रावधानों का राज्य को सकारात्मक लाभ नहीं मिल रहा है। गंगा प्रबंधन बोर्ड भी राज्य के हितों के खिलाफ है। सरकार ने यह करार कर राज्य के हितों पर कुठाराधात किया है। कांग्रेस इस करार की निंदा करती है।

हरीश रावत, पूर्व सीएम

केवल उत्तर प्रदेश को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए उत्तराखंड की सरकार ने केंद्र के निर्देश पर उत्तराखंड के हितों को ताक पर रख दिया है। कांग्रेस इसका विरोध करेगी। समझौते को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। 
गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा कहती है अटल जी ने बनाया है और मोदी जी सवारंगे। लेकिन, उत्तराखंड के साथ दो अन्य राज्यों को स्थायी राजधानी भी मिली और परिसंपत्तियों का बंटवारा भी हुआ। उत्तराखंड को ही उसका हक क्यों नहीं मिल रहा है? सरकार परिसंपत्तियों पर तत्काल श्वेतपत्र जारी करे।
प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष

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