वन विभाग और शासन कटवा रहे 10 हजार पेड़, नहीं होने देंगे सफल
-हवाई अड्डे के विस्तार के लिए थानों का जंगल आ रहा जद में, पेड़ों का कटान ऐसे क्षेत्र में किया जाएगा जो है वन्य जीव बाहुल्य
-मैड (देहरादून के शिक्षक छात्रों के संगठन, मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस) के पदाधिकारियों ने मीडिया से की बात, कहा वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र में ऐसे क्षेत्र में प्रोजेक्ट का आना बहुत निंदनीय कृत्य
देहरादून (Dehradun)। वन विभाग और शासन (Uttarakhand forest department) हवाई अड्डे (airport) के विस्तार के लिए 10 हजार पेड़ (ten thousand tree) कटवा रहे हैं। थानों के जंगल में होने वाले इस कटान को कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा। यह बात मैड (देहरादून के शिक्षक छात्रों के संगठन, मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस) के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के विस्तार के लिए साजिश के तहत देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में बचे-खुचे जंगलों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। मैड तथ्यों के साथ इसका पुरजोर विरोध करेगा। ऐसे विध्वंसकारी प्रोजेक्ट को कतई क्रियान्वित नहीं होने दिया जाएगा।
मैड (Making a Difference by Being the Difference) के पदाधिकारियों ने कहा कि 10 हजार पेड़ों का कटान ऐसे क्षेत्र में किया जाएगा जो वन्य जीव बाहुल्य है। जहां पग-पग पर हिरण दिखता है, जहां बाघ आता जाता है, जहां हाथी भी आते हैं। कई दुर्लभ पक्षी उस क्षेत्र देखे जाते हैं। ऐसे क्षेत्र में प्रोजेक्ट का आना बहुत निंदनीय कृत्य है। इस मुद्दे पर मैड की ओर से कई संस्थाओं के साथ वार्ता की जा चुकी है। प्रमुख वन संरक्षक जयराज (jayraj) से वार्ता कर उन्हें भी ज्ञापन सौंपा गया हैं।
कम्पनी ने तैयार की झूठी रिपोर्ट
मैड की ओर से कहा गया कि योजना को पर्यावरण पर प्रभाव के नज़रिए से अध्ययन कर रही ग्रीन सी इंडिया कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड ग़ाज़ियाबाद (Green Sea Indian Consulting Pvt. Ltd. NCR Ghaziabad) की ओर से झूठी रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस जगह पर यह योजना लाई जा रही है, वहां न घना जंगल है न ही वहां पर शेड्यूल वन फौना हैं। शेड्यूल वन फौना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 मे दिए प्रावधानों के अनुसार सुरक्षित है। पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसा लगता कि सरकार उत्तराखंड वनों का सुनियोजित साजिश के तहत विनाश कर रही है।