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गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ अजय सेमल्टी विश्व के टॉप 2% वैज्ञानिकों में दोबारा शामिल

-विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों में गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ अजय सेमल्टी

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। गढ़वाल विश्वविद्यालय के खाते में एक और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि जुड़ी हैं। विश्वविदयालय के फार्मेसी विभाग में विगत 18 वर्षों से सेवा दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अजय सेमल्टी का नाम हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध समूह द्वारा जारी विश्व के टॉप २% वैज्ञानिकों के वर्ष २०२१ सूची में शामिल किया गया है। विदित हो कि गत वर्ष में भी डॉ अजय सेमल्टी ने इस सूची में अपना स्थान बनाया था, इस बार लगभग २६००० रैंक की ऊँची छलांग के साथ वे 170702 विश्व रैंक प्राप्त करने में सफल रहे हैं। विश्वविधालय के लिए यह एक अति महत्वपूर्ण उपलब्धि एवम गौरवपूर्ण क्षण है।

डॉ सेमल्टी ने बताया कि अतिविपरीत परिस्थितियों व संसाधनों की घोर कमी के बावजूद यह उपलब्धि प्राप्त होना अत्यंत सुखद अनुभव है। यह उपलब्धि उनको शोध कार्यों को नए आयाम देने के लिए प्रेरित करेगी। विदित हो कि डॉ सेमल्टी ने ही विश्वविद्यालय के खाते में पहले भारतीय पेटेंट को विगत वर्ष में जोड़ा है। वे मुख्य रूप से हर्बल ड्रग डिलीवरी, दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने, माइक्रो और नैनोपर्टिकल फॉर्मूलेशन और उनके संरचनात्मक अध्ययन पर कार्य कर रहे हैं। हाल ही में वे भाभा परमाणु शोध संस्थान में ध्रुवा न्यूक्लियर रिएक्टर में परमाणु वैज्ञानिकों के साथ दवाओं के ननोपर्टिकल पर अध्ययन में रत रहे हैं।

डॉ सेमल्टी ने अब तक 1 अंतर्राष्ट्रीय और 9 शोध परियोजनाओं को पूर्णं किया है और वर्तमान में दो शोध परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा 84 शोध पत्र विभिन्न उच्च कोटि के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित किए गए है। उनके द्वारा 11 पुस्तकें और 2 पुस्तक अध्याय प्रकाशित हो चुके हैं । उनका h इंडेक्स 26 तथा साइटेसंस 2000 से अधिक है जो उनके वैज्ञानिक शोध पत्रों के अन्य शोधार्थियों द्वारा व्यापक रूप से संदर्भित किए जाने का प्रमाण है।

डॉ सेमल्टी इस्राएल साइंस फाउंडेशन, आइसलैंड रिसर्च फाउडेशन एवम् इटली सरकार के विज्ञान तकनीकी मंत्रालय के लिए अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की चयन समिति में एक्सपर्ट के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यूजीसी द्वारा भी 2016-18 में प्रतिष्ठित शोध पुरस्कार पाने वाले वो विश्वविद्यालय के एकमात्र शिक्षक हैं। वर्ष 2011-12 में जापान के मेजो विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय पोस्ट डॉक्टोरल शोध परियोजना हेतु चुना गया और जापान आमन्त्रित किया गया था।

इसके साथ डॉ सेमल्टी ने प्रदेश सरकार की रूसा के आमंत्रण पर समय समय पर उच्च शिक्षा के गुणवत्ता उन्नयन हेतु अपने सुझावों को साझा किया। रूसा के माध्यम से उनका हर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई लर्निंग क्लास रूम का मॉडल उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड धन सिंह रावत के प्रयास से धरातल भी उतर चुका है।

शोध के साथ साथ डॉ सेमल्टी ने 24 ऑनलाइन कोर्सेज का निर्माण किया, जिनमे भारत सरकार के स्वयम पोर्टल के लिए बनाए गए दो ऑनलाइन कोर्सेस अकेडमिक राइटिंग और इंडस्ट्रियल फार्मेसी विश्वविद्यालय के पहले ऑनलाइन कोर्सेस हैं। एकेडमिक राइटिंग कोर्स ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है और इस वर्ष कि ऑनलाइन कोर्सेज की विश्व रैंकिंग में भी दोनों कोर्सेज ने अपना स्थान बनाया है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार एवम् प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा उक्त कोर्स की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति की पुष्टि भी की गई है। इनके दोनों कोर्सेज में 150 से भी अधिक देशों के 59000 से भी अधिक शिक्षार्थी उक्त कोर्सेस में पंजीकृत हुए है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।

लॉकडाउन समय में डॉ सेमल्टी ने आईआईटी मद्रास के स्वयंप्रभा चैनल हेतु डॉ मोना सेमाल्टी के साथ 57 घंटे से अधिक के 100 से भी अधिक वीडियो व्याख्यानों को रेकॉर्ड किया और वे भारत सरकार के स्वयंप्रभा चैनल 15 में प्रसारित होने के बाद यूट्यूब पर भी उपलब्ध किए जा रहे हैं। अतः इस विकट समय में पठन पाठन की समस्याओं को ऑनलाइन कॉन्टेंट के माध्यम से दूर करने के लिए उन्होंने विश्वविद्यलय के स्वयं प्रकोष्ठ के कोऑर्डिनेटर के रूप में नई वेबसाइट www.swayamhnbgu.in बनाई और साथ ही स्वयं ऑनलाइन कोर्सेस (मूक्स) एवम् भारत सरकार के अन्य डिजिटल शैक्षणिक रिसोर्सेज को शिक्षकों एवम् छात्रों को उपलब्ध कराने और उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया।

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