Mon. Nov 25th, 2024

नागालैंड में टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) के जवान गौतम की मौत

-शहीद गौतम लाल पैराशूट रेजिमेंट में 21वीं बटालियन के पैराट्रूपर थे। उनकी शहादत की खबर के बाद से गांव में मातम पसर गया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद गौतम लाल की शहादत को नमन किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शोक संदेश पोस्ट किया है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। टिहरी जनपद के नौली गांव (हिंसरियाखाल पट्टी) निवासी सेना के पैराटू्रपर गौतम लाल (24) नागालैंड में शहीद हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार नागालैंड में जवानों ने उग्रवादी समझकर फायरिंग कर दी। घटना में सात मजदूरों सहित 13 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद हुई हिंसा में गौतम लाल शहीद हो गए। गौतम के शहीद होने की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर है। क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने जवान की शहादत पर शोक जताया है। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार (आज) को जॉलीग्रांट देहरादून लाया जाएगा।

विकासखंड कीर्तिनगर में हिंसरियाखाल क्षेत्र के नौली गांव (नौसिला तोक) के रमेश लाल और रूपा देवी के सबसे छोटे पुुत्र वर्ष 2018 में पैराशूट रेजीमेंट की 21वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह नागालैंड में तैनात थे। गौतम पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी तीन बहनें हैं। पिता रमेश गांव में मेहनत मजदूरी का काम करते हैं। राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे।

रविवार की सुबह ग्राम प्रधान नौली सुरेशी देवी के मोबाइल पर नागालैंड से सैन्यकर्मी की कॉल आई कि गौतम गोली लगने से शहीद हो गए हैं। प्रधान के पति ने गौतम के भाई को उक्त फोन नंबर देते हुए कॉल करने को कहा। गौतम के भाई सुरेश को भी फोन पर उसके शहीद होने की सूचना दी गई। शहादत की सूचना मिलते ही सुरेश जमीन पर गिरकर रोने लगा। हालांकि, माता-पिता को यही बताया कि गौतम गोली लगने से घायल हो गया है। ग्रामीणों व रिश्तेदारों के घर आने का सिलसिला शुरू हुआ तो परिजनों को गौतम के शहीद होने का आभास हो गया।

तहसीलदार कीर्तिनगर सुनील राज ने बताया कि ग्राम प्रधान ने सूचना दी है कि नौली गांव का गौतम नागालैंड में शहीद हो गए हैं। एसडीएम सोनिया पंत का कहना है कि आधिकारिक रूप से शहीद के बारे में जानकारी तो नहीं मिली है। लेकिन, यह सूचना है कि गौतम का पार्थिव शरीर सोमवार को जॉलीग्रांट (देहरादून) पहुंचेगा।

गौतम अविवाहित थे। वह अक्तूबर मेें एक महीने की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। गौतम हर दो दिन के अंतराल में घर में फोन करके माता-पिता व परिजनों का हाल जानते थे। शुक्रवार को भी उनका फोन आया था। उन्होंने जनवरी में घर आने की बात की थी। लेकिन, कल हादसा हो गया, जिसने उनकी जान चली गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *