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विद्यालय विकास व बाल कल्याण में ‘सामुदायिक सहभागिता’ की भूमिका अहम

-राजकीय इण्टर कॉलेज बुरांसखंडा, रायपुर देहरादून में विद्यालय विकास व छात्र कल्याण के उद्देश्य से समुदाय की सहभागिता पर चर्चा-परिचर्चा की गई। तीन चरणों में संचालित व तीन दिवसीय आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर विद्यादायिनी माँ सरस्वती को स्मरण करते हुए किया गया।

कमलेश्वर प्रसाद भट्ट


राजकीय इण्टर कॉलेज बुरांसखंडा रायपुर देहरादून में विद्यालय विकास व छात्र कल्याण के उद्देश्य से समुदाय की सहभागिता पर चर्चा-परिचर्चा की गई। तीन चरणों में संचालित व तीन दिवसीय आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर विद्यादायिनी माँ सरस्वती को स्मरण करते हुए किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एनवी पन्त, स्थानीय राजकीय इण्टर कॉलेज भगद्वारिखाल के प्रधानाचार्य जसवंत सिंह बंगारी व पीटीए अध्यक्ष सुमेर भण्डारी सहित संकुल के अध्यापक व अभिभावकों ने वर्तमान समय में चल रही वैश्विक आपदा ‘कोविड-19′ के दिशा निर्देश अनुसार कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

वास्तव में समुदाय और विद्यालय के बीच विश्वास का रिश्ता मजबूत करने में सामुदायिक-सहभागिता का विशेष स्थान है। यह अनुभव किया गया कि बंद कमरों में शिक्षा-दीक्षा का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता। कोरोना कॉल ने और भी महसूस करवा दिया। शासन-प्रशासन के साथ ही विभाग भी नौनिहालों के भविष्य के प्रति चिंतनशील रहे, ऑनलाइन शिक्षण हो या फिर दूरदर्शन का माध्यम, बच्चों से जुड़ने के खूब प्रयास किए, कुछ हद तक सफलता भी मिली। किन्तु पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों में टॉवर-प्रॉब्लम, नेटवर्क-कनेक्टिविटी और अभिभावकों की आर्थिक स्थिति के कारण एक ही परिवार में चार-पाँच बच्चों को मोबाइल फोन उपलब्ध न कर पाना, चुनौतीपूर्ण भी रहा। हमारे लिए अभिभावकों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के जुड़ाव ने इस समस्या का कुछ हद तक समाधान तो निकाला है। किन्तु, अधिकांश बच्चे वंचित रह गए, सोचनीय भी है।

महसूस किया गया कि सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से इस प्रकार के दृष्टिकोण को कुछ हद तक बदला जा सकता है। यह सत्य है कि जब ज्ञान, मूल्यों और सिद्धांतो का प्रकाश विद्यालय की चार-दीवारी से निकल बाहर समुदाय तक पहुँचता है, तो तभी समाज, शिक्षा के वास्तविक महत्व, प्रगति और खुशहाली को समझने एवं स्वीकार करने में सक्षम बनता है।

पीटीए अध्यक्ष सुमेर सिंह भंडारी कहते हैं कि आज हर अभिभावक यही चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा लें, पढ़े-बढ़ें और सशक्त नागरिक बनें। अभिभावकों ने क्षेत्र के विकास हेतु पूर्ण सहयोग देने की बात दोहराई। उन्होंने बताया कि हमें बच्चों के भविष्य के प्रति समर्पित भावना से कार्य करना चाहिए। अभिभावकों से शिक्षक व कर्मचारियों के सहयोग की अपील भी की।

कार्यशाला में एमटी सुमन हटवाल व फरसराम कोठारी ने बच्चों को मिलनी वाली सुविधाओं व अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका मेघा रावत पंवार के प्रयास से विभाग से प्राप्त सीडी के प्रस्तुतिकरण द्वारा भी अभिभावकों को रोचक जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य जसवन्त सिंह बंगारी व एनवी पन्त, प्रवक्ता कृष्ण कुमार राणा, कमलेश्वर भट्ट, राजेन्द्र सिंह रावत, रीना तोमर, नेहा बिष्ट, मनीषा शर्मा, संगीता जायसवाल, जीवी सिंह व प्राथमिक विद्यालयों से प्रतिभागी शिक्षिकाओं व अभिभावकों ने चर्चा-परिचर्चा में भाग लेकर बाल कल्याण विशेष रूप से “बालिका-बचाओ, बालिका-पढ़ाओ” की शपथ ली।

एसएमसी’ के तीन चरणों में संचालित प्रशिक्षण में इण्टर कॉलेज बुरांसखंडा के अलावा संकुल के दुर्गम क्षेत्र स्थित विद्यालयों सिल्ला, छमरोली, फुलेत, भैंसवांनसैण, सिमयारी, क्यारा, खलौंच, चलचला, सुवाखोली, गढ़, नालिकला से अध्यापकों व अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।

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