श्रद्धाभाव के साथ मनाए खालसा साजना दिवस व बैसाख की संग्रांद
-गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार ने 322वां खालसा साजना दिवस व बैसाख की संग्रांद पर आयोजित किया कथा-कीर्तन
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के तत्वावधान में 322वां खालसा साजना दिवस व बैसाख की संग्रांद उत्साह व श्रद्धाभाव के साथ मनाए गए। गुरुद्वारा की और से पावन पर्व पर कथा-कीर्तन आयोजित किया गया।
प्रात: नितनेम के बाद भाई चरणजीत सिंह ने आसा दी वार का शबद “हऱ अमृत पान करो साध संग”, भाई सतवन्त सिंह ने शबद “सतगुर मेरा सरब प्रीतपाले, सतगुर मेरा मार जीवाले” व भाई गुरदियाल सिंह ने शब्द “सुर नर मुन जन अमृत खोजते, सो अमृत गुर ते पाए” का गायन किया।
गुप्त प्रेमी द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग के बाद हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने इतिहास की जानकारी देते हुए कहा कि गुरु अरजन देव जी कहते हैं कि अगर प्रभु का प्रेम जीवन में नहीं है तो जीवन में संतोष नहीं रहता। आज के दिन गुरु गोविन्द सिंह जी ने तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनन्द पुर साहिब) में 1699 की बैसाखी वाले दिन पांच प्यारों को अमृत छकाकर खालसा सज़ाया और अपने आप भी अमृत पान करके गोविन्द राय से गोविन्द सिंह सजे। कथावाचक भाई सतनाम सिंह नानकसर वालों ने कहा कि गुरु साहिब जी ने संसार से जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर किया, कर्मकांडो का धर्म से कोई रिश्ता नहीं है।
दरबार श्री अमृतसर से पधारे भाई संदीप सिंह जी ने शबद “सो अमृत गुर ते पाया, सुर नर मुन अमृत खोजते” भाई साहिब इन्दर पाल सिंह चंडीगढ़ वालों ने शबद “आज्ञा भई अकाल की तभे चलायो पंथ” का गायन कर संगत को निहाल किया l इस अवसर पर गुरु अमर दास जी के गुरतागद्दी दिवस की संगतों को बधाई दी।
कार्यक्रम में प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, राजिंदर सिंह राजा, सुरजीत सिंह, दीदार सिंह, जसवन्त सिंह सप्पल, देविंदर सिंह सहदेव, हरपाल सिंह सेठी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद संगत ने गुरु का लंगर छका। मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया। कार्यक्रम में सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया गया।