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जामनखाल के लाल, खेम सिंह मनवाल!… गांव में रहने वाला अकेला परिवार

दर्द-ए-गांव
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जामनखाल के लाल, खेम सिंह मनवाल!
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एक सेल्यूट तो बनता है दोस्तों जामनखाल के लाल ‘खेम सिंह मनवाल’ के लिए। यह अखंडवानी भिलंग ग्राम पंचायत का गांव है जहां वर्तमान में विगत 7 वर्ष से केवल एक ही परिवार रह रहा है।

आज खेम सिंह मनवाल ही गांव को आबाद रखे हुए हैं। यदि समय पर विकास की बयार इस गांव में आ जाती तो इस गांव के वाशिंदे गांव को छोड़कर पलायन नहीं करते। जब गांव खाली हो रहा था तो खेम सिंह मनवाल ने प्रतिज्ञा की कि वे अपनी मातृभूमि को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। यद्यपि मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण कई बार उनका मन विचलित भी हुआ। ससुराल पक्ष की ओर से उनको उपहार स्वरूप “कुंड ग्राम” में भवन बनाने के लिए भूमि भी उपलब्ध कराई गई और 5 वर्ष पूर्व उन्होंने वहां अपना आशियाना भी बनाया। लेकिन, उनका मन अपनी मातृभूमि को छोड़कर अन्यत्र जाने की गवाही नहीं दे पाया।

टिहरी जनपद के “बमेंडी गांव” से उनके पूर्वज बहुत समय पहले “लड़वाकोट” में आकर रहने लगे थे। जहां से 22 वर्ष पूर्व मनवाल “जामनखाल” में आकर बस गए। आजकल वह गांव में ही नया मकान बना रहे हैं। पूरा परिवार अपना नया घरौंदा बनाने में व्यस्त है। शुभकामनाएं मनवाल जी। व्यस्त रहें, मस्त रहें।

यातायात, संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में भी खेम सिंह मनवाल ने अपने गांव को नहीं छोड़ा। उम्मीद की किरण उनके मन में सदैव आशा का संचार करती रहती थी कि एक न एक दिन गांव में मूलभूत सुविधाएं अवश्य होंगी। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही गांव तक सड़क पहुंच जाएगी। गांव में आज बिजली और पानी की अच्छी सुविधा है। हां स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अभी लंबा इंतज़ार करना पड़ेगा।

मनवाल पशुपालन और कृषि कार्य में परिवार सहित व्यस्त रहते हैं। बच्चे पढ़ाई के लिए द्वारा और मालदेवता जाते हैं। ऐसे कर्म योगी किसान को जिन्होंने एक गांव का अस्तित्व बचा रखा है एक सैल्यूट तो बनता है दोस्तों!

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