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विरोध: बिजलीघर का उद्घाटन करने पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह रावत को दिखाए काले झंडे

सोमवार को कोटद्वार में नवनिर्मित बिजली घर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को क्षेत्रवासियों ने काले झंडे दिखाए।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। हल्दूखाता (कण्वघाटी कोटद्वार भाबर) में ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि चयन करने से आक्रोशित क्षेत्रवासियों ने हल्दूखाता बिजलीघर के लोकार्पण के लिए आ रहे वन व ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत को काले झंडे दिखाए। लोगों ने मंत्री का काफिला रोककर ट्रंचिंग ग्राउंड के आदेश को निरस्त करने की मांग की। मंत्री की ओर से आश्वासन न मिलने पर लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

सोमवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे कंचनपुर हल्दूखाता में ट्रंचिंग ग्राउंड बनाने के विरोध में लोगों ने हरक सिंह रावत को काले झंडे दिखाकर विरोध करने का निर्णय लिया। काले झंडे दिखाने की भनक लगते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, आक्रोशित लोगों ने पुलिस की नहीं सुनी।

लोगों ने मौके पर ऊर्जा मंत्री का काफिला रोक दिया और उनके हल्दूखाता के ट्रंचिंग ग्राउंड को निरस्त कर अन्यत्र भूमि चयन की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा कि यह लंबी प्रक्रिया है और उक्त निर्णय को निरस्त करना उनके बस में नहीं है। मंत्री की बात सुनकर लोगों का आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने हंगामा करते हुए काले झंडे दिखाते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। ट्रंचिंग ग्राउंड के विरोधी भाजपा कार्यकर्ता भी नारेबाजी में शामिल हो गए। कहा कि ट्रंचिंग ग्राउंड के विरोध के आंदोलन तेज किया जाएगा।

हरक सिंह रावत व भरतरी की बंद कमरे में हुई मुलाकात

पूर्व प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) राजीव भरतरी ने रविवार को वन मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात की। वन मंत्री के आवास पर करीब एक घंटे तक बंद कमरे में मुलाकात हुई। आपको बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध पातन और अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई करते हुए वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) समेत चार आईएफएस अधिकारियों से अहम जिम्मेदारियां हटा दी थीं। इनके अलावा 30 अन्य आईएफएस अधिकारियों का तबादला किया था।

कुछ भी कहने से कर दिया मना 

वन मंत्री व पूर्व प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) राजीव भरतरी की मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर वन मंत्री को सफाई दी। इसके साथ ही पूरे मामले से अवगत भी कराया। हालांकि, वन मंत्री और पूर्व हॉफ दोनों ने ही मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया।

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