हरक सिंह रावत: भाजपा को बाय बाय, आप को राम राम??
वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”
—————————-
दीपावली के बम-पटाखे नवरात्र में गलती से फूट जाएं, इतने नादान तो हरक सिंह रावत (harak Singh rawat) नहीं हैं। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को अभी बहुत समय बचा है, फिर चुनाव न लड़ने का ऐलान इतनी जल्दी! यानी समय आ गया कि हरक भाजपा (bjp) को बाय बाय (bye bye) करने वाले हैं? भाजपा से विदा लेने से पहले वह नए ठौर का इंतजाम भी कर चुके हैं। वरना सरकारी ठप्पे लगी साईकिल विपक्षी पार्टी के कार्यक्रम में उसके कार्यकर्ताओं को यूं नहीं बंटी!
हरक सिंह रावत के विधानसभा चुनाव (election) न लड़ने की घोषणा से राजनीतिक हलकों में गर्माहट आ गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तराखंड की राजनीति में उठापटक होने वाली है, जो आगामी विधानसभा चुनावों को रोचक बना देगी। वैसे भी स्वतंत्र होकर यानी अपनी मनमर्जी से काम करने वाले हरक सिंह की अब भाजपा में नहीं निभ पाएगी। सूत्रों का कहना है कि काफी समय से वह पार्टी व सरकार में घुटन महसूस कर रहे थे। कांग्रेस सरकार में जिस तरह वह स्वतंत्र रूप से काम करते थे। भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री (cebinet minister) होते हुए भी काम करने की आजादी नहीं है। इससे वह बैड नहीं तो गुड भी फील नहीं कर रहे हैं।
वहीं, दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (trivendra singh rawat) ने श्रम बोर्ड के अध्यक्ष पद से उनकी जिस तरह छुट्टी कर दी थी। उस वक्त हरक सिर्फ इतना ही बोल पाए थे कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की जानकारी मीडिया (midia) व सोशल मीडिया (soshal midia) से मिली यानी हरक को यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है या हटा दिया गया है। पार्टी व सरकार में अपनी इस हैसियत का अंदाजा होने से हरक वेरी बैड वाली सिचुएशन में पहुंच गए। ऐसे में बम फोड़ना लाजिमी था। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि यह तो अभी ट्रेलर है। दीपावली से पहले बड़ा धमाका हो सकता है।
तो हरक सिंह के नेतृत्व में लड़ेगी आप
हरक सिंह रावत के तेवर बता रहे हैं कि भाजपा में अब और नहीं… सूत्रों का कहना है हरक सिंह आम आदमी पार्टी (aam admi party) का दामन थाम सकते हैं। सेटिंग यहां तक हो गई है उनके नेतृत्व में ही आम आदमी पार्टी 2022 में उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। उसका नमूना हरक सिंह ने दिखा भी दिया। आम आदमी पार्टी के कार्यक्रम में श्रम विभाग की ओर से जो साईकिल बंटी, वह कहानी खुद ही सबकुछ समझा रही है। अब जो न समझे वो अनाड़ी वाली बात भाजपा भी कैसे सहन करती। इसलिए आनन फानन में श्रम बोर्ड से हरक सिंह की छुट्टी कर दी गई।
तो रोचक होगा विधान सभा चुनाव
हरक सिंह रावत भाजपा (bjp) छोड़कर यदि आम आदमी पार्टी (aam admi party) का दामन थामते हैं तो तय है कि उत्तराखंड में पार्टी के सर्वेसर्वा वहीं होंगे। उनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ेगी। इससे 2022 का चुनाव रोचक हो जाएगा। हरक के पार्टी की कमान संभालने से निश्चित तौर पर आप की भी हैसियत उत्तराखंड में बढ़ जाएगी। भाजपा विरोधी यानी विशेष रूप से त्रिवेंद्र (trivendra rawat) रावत के विरोधी भी आप में शामिल हो जाएंगे। इनमें त्रिवेंद्र से खार खाए बैठे कुछ मीडियाकर्मी भी आप से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। अभी तो सभी की नजर इसी पर है कि ऊंट किस करवट बैठता है।
यूपी में रहे सबसे कम उम्र के मंत्री
15 दिसंबर 1960 को पैदा हुए हरक सिंह रावत ने 1984 में कला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की पूरी की। 1996 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड से सैन्य विज्ञान में पीएचडी की डिग्री ली। 1991 में हरक सिंह रावत ने पौड़ी से विधानसभा चुनाव जीता और यूपी राज्य के सबसे छोटी उम्र के मंत्री बने। 2014 में वह कांग्रेस में मंत्री रहे, उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish rawat) बगावत कर दी। हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह करने वाले नौ विधायकों में से एक थे। कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे।