हरिद्वार में निकली किन्नर अखाड़े की पेशवाई, जूना अखाड़े के साथ करेगा शाही स्नान
-हर-हर महादेव के जयघोष के साथ आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, किन्नर और नागा साधु पेशवाई में निकले, श्रद्धालुओं ने फूलों से किया स्वागत
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो) (shabd rath news byuro)। हरिद्वार में बिना किसी विरोध के किन्नर अखाड़े (kinnar akhada) की भव्य पेशवाई गुरुवार को निकाली गई। गुरुवार को ही पंचदशनाम जूना अखाड़ा (panch dash Nam akhada) व अग्नि अखाड़ा (Agni akhada) की भी पेशवाई निकली। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, किन्नर और नागा साधु पेशवाई में निकले। वह फूलमालाओं से लदे हुए थे, उन्हें देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ 11 मार्च को शाही स्नान करेगा।
किन्नर आज भी उपेक्षित
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर समाज आज भी उपेक्षित है। लैंगिक भेदभाव किन्नरों से अच्छा कोई नहीं जानता है। किन्नरों की तरह कई महिलाएं व पुरुष समाज में ठुकराए जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए किन्नर अखाड़े के दरवाजे सदा खुले हुए हैं।
2015 में अस्तित्व में आया किन्नर अखाड़ा
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं दी है। परिषद के अनुसार अभी 13 अखाड़े ही हैं। किन्नर अखाड़े ने 2019 के प्रयागराज कुंभ में शाही स्नान किया था। किन्नर अखाड़ा वर्ष 2015 में अस्तित्व में आया। वर्ष 2016 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर बनी हैं।
जूना अखाड़े के साथ स्नान करेगा किन्नर अखाड़ा
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा पर संतों की बैठक में किन्नर अखाड़े को हरिद्वार महाकुंभ में प्रवेश न देने की बात आई थी। लेकिन, परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने साफ किया कि वह किन्नर अखाड़े को दी गई जुबान नहीं तोड़ सकते, भले उन्हें पद छोड़ना पड़े। श्रीमहंत हरि गिरि की नाराजगी के बाद किन्नर अखाड़े को जूना अखाड़े के साथ हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने पर सहमति बनी। इनका शाही स्नान 11 मार्च को होगा।