पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक सितंबर को बेरोजगारों के लिए रखेंगे उपवास, कहा त्रिवेंद्र की स्वरोजगार योजना बीरबल की खिचड़ी
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बेरोजगारों के लिए एक सितंबर को उपवास रखेंगे। उपवास का यह कार्यक्रम उनके आवास पर ही होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना बीरबल की खिचड़ी हो गई। किसी को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो कि बेरोजगारों के निराशाजनक है।
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में डेढ़ में एक करोड़ लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। उत्तराखंड में भी इसकी बड़ी संख्या है। राज्य में एक महीने 150 के करीब आत्महत्याएं हुई हैं। इनमें 100 लोगों ने बेरोजगार हो जाने के कारण आत्महत्या की। लेकिन, सरकार रोजगार पैदा करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। सरकारी विभागों के खाली पदों पर भर्ती नहीं हो रही है। मनरेगा में पुराने ढर्रे के अलावा नए अवसर ग्रामीण क्षेत्रों में पैदा नहीं किए जा रहे हैं। सिडकुल की स्थिति भी ठीक नहीं है। इन सबके बावजूद सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि वह सितारगंज सिडकुल और रानीपुर सिडकुल हरिद्वार की पदयात्रा भी करेंगे ताकि उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ सजगता का वातावरण पैदा हो। रावत ने बेरोजगारों के हित व बेरोजगारी के खिलाफ किए जा रहे उपवास कार्यक्रम में लोगों से शामिल होने की भी अपील की।