गौरतलब है उत्तराखंड में गणेश गोदियाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने और हरीश रावत चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष बनने के बाद तय माना जा रहा था कि उत्तराखंड में हरीश रावत ही पार्टी का चेहरा होंगे। हरीश रावत व उनके समर्थक भी इशारों में यही कह रहे हैं कि हरीश रावत ने नाम पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन, पवन खेड़ा के इस बात से कन्नी काटने से हरीश खेमे में बेचैनी है।
रविवार को नैनीताल रोड स्थित होटल में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा की संस्कृति लोगों को लड़ाने वाली है। यह पार्टी कभी भी घोषणा पत्र और मुद्दों पर बात नहीं करती है। उत्तराखंड में तीन तीन मुख्यमंत्री बदलकर पार्टी ने अपनी नाकामी साबित कर दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री क्यों बदले गए? उन्होंने कहा कि कोविड के चलते वापस घर लौटे लोगों की जिंदगी बदहाल है। उनके लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। दूसरी तरफ, कांग्रेस नेताओं के बीच मंचों में अंतर्कलह के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बुरी बात नहीं है। मन में चीजों को दबाए रखने से अच्छा है कि वह सामने आ जाएं। उत्तराखंड में कांग्रेस एकजुट होकर रोजगार-विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और बहुमत से वापसी करेगी।
उम्रदराज नेताओं को टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी बुजुर्गों का सम्मान करती है। जो जिस योग्य होगा उसको सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आडवाणी बनाने की संस्कृति भाजपा की है। हमारे यहां बुजुर्गों का विशेष सम्मान होता है।
प्रेसवार्ता में पूर्व काबीना मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, तिलक राज बेहड़, प्रदेश प्रवक्ता जरिता लेतफलांग, दीपक बल्युटिया, सुमित हृदयेश, सतीश नैनवाल, राहुल छिमवाल, हरीश मेहता, एनबी गुणवंत, हरीश एठेंनी, हाजी सुहैल, गोविंद बिष्ट, हुकुम सिंह कुंवर, हेमंत बगडवाल, सुमित्तर भुल्लर, जया कर्नाटक, बीना जोशी, बृजेश बिष्ट, संजय रावत आदि मौजूद रहे।