हरीश रावत के ट्वीट पर तूफान, कौशिक की चुटकी… कांग्रेस में कोई किसी की सुनता ही नहीं
-भाजपा अध्यक्ष कौशिक बोले कांग्रेस में कोई किसी की नहीं सुनता, एक ही लड़ाई, नेता कौन बनेगा, नेतृत्व कौन करेगा। सदन के अंदर जब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश थीं, तब कांग्रेस में उनकी कोई नहीं सुनता था। बाहर प्रीतम सिंह अध्यक्ष थे, वहां भी पार्टी में उनकी कोई नहीं सुनता था।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट पर मचे सियासी तूफान के बीच सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस की गुटबाजी पर तंज करने का बहाना मिल गया। पार्टी ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस भी पंजाब कांग्रेस की राह पर है। उत्तराखंड में भी कोई कैप्टन अमरेंद्र सिंह पैदा हो सकता है। कांग्रेस के हालात ऐसे हो गए हैं कि वहां कोई एक-दूसरे की नहीं सुनता। जनता का कांग्रेस से विश्वास उठ गया है, अब विश्वास वाली कोई स्थिति नहीं बची है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस की गुटबंदी पर चुटकी ली कि वहां पिछले पांच साल में 11 विधायक रहे और 10 गुट। हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। लेकिन, कांग्रेस की खेमाबंदी पर प्रहार करने से नहीं चूके। विधानसभा के बाहर विपक्ष का काम होता है जनता की आवाज उठाना, लेकिन विपक्ष पांच साल तक उस मोर्चे पर नदारद रहा।
एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर कांग्रेस की भूमिका नगण्य रही। कांग्रेस केवल एक ही लड़ाई लड़ रही है कि वहां नेता कौन बनेगा, नेतृत्व कौन करेगा। जनता से उनका कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस के बड़े नेता ने जो हालात आज बयान किए हैं, वह सच्चाई कांग्रेस के धरातल पर है। सदन के अंदर जब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश थीं, तब कांग्रेस में उनकी कोई नहीं सुनता था। बाहर प्रीतम सिंह अध्यक्ष थे, वहां भी पार्टी में उनकी कोई नहीं सुनता था। विपक्ष के तौर पर कांग्रेस पूरी तरह से फेल है। आज चुनाव दृष्टि से भाजपा जनता के आशीर्वाद के लिए जा रही है।
हरीश रावत.. मोदी के वाक्य को दोहरा रहे थे ‘वोकल फॉर लोकल’: जोशी
हरीश रावत के ट्वीट पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस भी पंजाब कांग्रेस की राह पर है। हरीश रावत जैसा करना चाहते हैं, उनका केंद्रीय नेतृत्व उनको वैसा नहीं करने देना चाहता। उनका दर्द यह है कि दो दिन पहले उनके प्रभारी ने कहा कि हम राहुल गांधी को नेता मानते हैं। राहुल वर्सेज बीजेपी चुनाव होगा। जब यह बात आई तो हरीश रावत बहुत पहले से मोदी के उस वाक्य को दोहरा रहे थे, वोकल फॉर लोकल। कांग्रेस ने उसे समाप्त कर दिया। कांग्रेस में इस समय जबर्दस्त गुटबाजी है। कांग्रेस नेता नहीं चाहते कि वह हरीश रावत को चेहरा घोषित करें। इससे साफ है कि हरीश रावत के चेहरे पर कांग्रेस को विश्वास नहीं है। इसलिए हरीश रावत बार-बार ट्वीट कर इन विषयों को ला रहे हैं। आज कांग्रेस का चुनाव से पहले बुरा हाल है।
हरीश रावत जी, इस आयु में कितना अपमान सहेंगे
भाजपा के पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने हरीश रावत पर के ट्वीट पर तंज किया कि ‘बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाय।’ उन्होंने कहा कि आप अपने आप को ही करता मानते थे, तो फिर अपने को अब असहाय क्यों समझ रहे हैं? जब आप बबूल के पेड़ बो रहे थे, तब आपको अंदाज नहीं था कि उस पर कांटे ही कांटे होंगे। अब आप वनप्रस्थ की अवस्था में हैं। आपका मन एक तरफ खुद यह मान रहा है कि आपको अब विश्राम करना चाहिए। अब आप कुर्सी का मोह त्याग दीजिए। इस आयु में कितना अपमान सहेंगे। कांग्रेस का इतिहास और परंपरा परिवारवाद की रही है। इस उम्र में आपको राहुल गांधी की जी-हजूरी करते देखना पहाड़ के स्वाभिमान और जिस उत्तराखंडियत की आप बात करते हैं, उसके विपरीत हैं।