हरियाणा गौरव सुनील शर्मा की कोरोना महामारी की भयावहता पर एक रचना
हरियाणा गौरव सुनील शर्मा
गुरुग्राम, हरियाणा
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त्रासदी 2021
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घर में कैद हुआ यो मानस कैसा यो कोहराम हुआ।
लाश पर लाश पड़ी सड़कों पर मुरद घाट भी जाम हुआ।।
भाई भाई त दूर हुआ यो कैसा समय मतवाला से
काम धंधे भी चौपट हो गए कैसा निकला दिवाला से
अगड़ पड़ोसी कुटुंब कबीला ना ही किसी का काम हुआ
लाश पर लाश पड़ी सड़कों पर मुरद घाट भी जाम हुआ।
बात बड़ी होगी दुनिया में ना पाया इसका तोड़ अभी
हस्पताल बने मुर्दा घर ना निकला कोई निचोड़ अभी
रिश्ते नाते सब खड़े देखें कैसा कसुता काम हुआ
लाश पे लाश पड़ी सड़कों पर मुरद घाट भी जाम हुआ।
महंगाई का जोर रहे हो गया मोहल्ले और गलियारों में
बेबस जनता फिर लुटती शहर और बाजारों में
नभ थल और वायु में कैसा यो विष धाम हुआ
लाश पर लाश पड़ी सड़कों पर मुरद घाट भी जाम हुआ।
क्यों कर कर लें सबर देश पर विपदा पड़गी भारी से
आज बचा ले आकर मोहन या नैया गोते खारी से
लिखते कलम भी आंसू बहा गी कैसे मौत का दाम हुआ
घर में कैद हुआ यो मानस कैसा यो को हराम हुआ
लाश पर लाश पड़ी सड़कों पर मुरद घाट भी जाम हुआ।।