सोनिया गांधी के सामने जाने से हिचक रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
-रावत ने कहा कि भला कैसे मैं सोनिया गांधी की चेहरे की तरफ देखूंगा? उनका मुझ पर काफी विश्वास था। उनके साथ देश के शीर्षस्थ सभी कांग्रेसजनों का बड़ा विश्वास था। हर कोई कहता था कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार ले आओगे न?
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए हाईकमान से नजरें मिलाना मुश्किल हो रहा है। रविवार को दिल्ली में होने जा रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले रावत ने अपने मन की बात सोशल मीडिया पर साझा की। कहा कि मैं बैठक में भाग लेने जा रहा हूं। लेकिन, दिल्ली की ओर जाने की कल्पना मात्र से मेरे पांव व मन भारी हो रहे हैं।
भला कैसे मैं सोनिया गांधी की चेहरे की तरफ देखूंगा? उनका मुझ पर काफी विश्वास था। उनके साथ देश के शीर्षस्थ सभी कांग्रेसजनों का बड़ा विश्वास था। हर कोई कहता था कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार ले आओगे न? हार की जिम्मेदारी लेते हुए रावत ने कहा कि कहीं तो मेरी कुछ कमियां रही होंगी, जिससे मैं इतने बड़े विश्वास को कायम नहीं रख पाया।
वास्तविकता यह है कि हम हारे ही नहीं हैं बल्कि हमारी हार कई और चिंताजनक संकेत भी दे रही है। राजनीति में एक स्तर तक पहुंचने के बाद व्यक्ति को व्यक्तिगत भावनाओं को अलग रखना होता है। वास्तविकता यह है पार्टी के सामने भविष्य की चुनौतियां हैं, उन चुनौतियों से पार पाना है।
देश में कोई दूसरी पार्टी ऐसी नहीं है जो पैन इंडिया स्वरूप ग्रहण करने में सक्षम हो। भाजपा का सशक्त विकल्प लोकतांत्रिक विकल्प कांग्रेस ही पेश कर सकती है। हालांकि कुछ लोग टुकड़े-टुकड़े में विकल्प बनने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, उनके डीएनए कांग्रेस जैसा नहीं है।
कांग्रेस कहीं न कहीं पर रणनीतिक चूक का शिकार हो रही है। ऐसी स्थितियां बन रही हैं कि हर बार कांग्रेसजन जनता का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हो पा रही है। पूरे देश की नजर आज भी कांग्रेस पर टिकी हुई है। रावत ने अपने ईष्ट देवता से प्रार्थना करते हुए कहा कि वो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को इतनी शक्ति दें कि वो इस गहरे होते हुए अंधकार में भी ऐसी रोशनी पैदा कर सकें। जिसकी मदद से न केवल पार्टी मजबूत हो बल्कि देश के लिए भी कांग्रेस मजबूत लोकतांत्रिक विकल्प बन सके।