उत्तराखंड से होगा टीबी का खात्मा, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया लक्ष्य
-चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज अपने कैम्प कार्यालय में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राज्य टी.बी. अनुभाग व सूचना विभाग के सहयोग से बनाई गई ‘टी.बी. उपचार एवं समाधान’ लघु फिल्म का आनलाइन अनावरण किया।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड को क्षय रोग से मुक्त करने व जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से निर्मित लघु फिल्म का चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज अनावरण किया गया। लघु फिल्म में टी.बी. के उपचार व समाधान की जानकारी दी गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत की परिकल्पना के क्रम में उत्तराखंड से टीवी रोग के खात्में के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रावत ने बताया कि सरकार की ओर से निःक्षय पोषण योजना के तहत इलाज की अवधि तक टीबी के रोगियों को पोषाहार के लिए प्रत्येक महीने डीबीटी के माध्यम से 500 रुपए दिए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से जुलाई 2021 तक 16 करोड़ 90 लाख रुपए मरीजों के खातों में भेजे जा चुके हैं
लघु फिल्म लांचिंग पर डा. रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत के निर्धारित लक्ष्य से पूर्व उत्तराखंड से क्षय रोग के खात्में के लिए विभागीय अधिकारियों को सघन अभियान संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा टी.बी. रोगियों को निःशुल्क जांच, उपचार, दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है।
मिशन एनएचएम निदेशक सोनिका ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग जांच एवं उपचार हेतु 13 जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र, 95 टी.बी. यूनिट एवं 154 जांच केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जहां भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत क्षय रोगियों का उपचार डेली रेजिमेन पद्धति के द्वारा किया जाता है। डीआरटीबी (ड्रग रेसिस्टेंस ट्यूबरक्लोसिस) रोगियों के निदान हेतु पीएमडीटी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे रोगियों के ईलाज हेतु हिमालयन इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज जौलीग्रांट व राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी मे डीआरटीबी साइट स्थापित हैं।
महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम का लाभ लगातार टी.बी. रोगियों को मिल रहा है। उत्तराखंड में 12289 टी.बी. रोगी चिह्नित किये गये हैं। जिनमें अल्मोड़ा में 355, बागेश्वर में 194, चमोली में 246, चम्पावत में 124, देहरादून में 2824, पौड़ी में 652, हरिद्वार में 2742, नैनीताल में 1975, पिथौरागढ़ में 282, रूद्रप्रयाग में 177, टिहरी में 258, यूएसनगर में 2058, उत्तरकाशी में 402 टी.बी. रोगी है।
इस अवसर पर एसटीओ डा. मयंक बडोला, अनिल सती, वर्चुअल माध्यम से मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा, सभी जनपदों के क्षय रोग अधिकारी व सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।