Fri. Nov 22nd, 2024

अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त, एमडीडीए ने सील किए तीन प्रतिष्ठान

देहरादून: हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में देहरादून के सेलाकुई में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बिल्डिंग बनाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश पर एमडीडीए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर में तीन बड़े प्रतिष्ठान सील कर दिए।

आरोप है कि तीनों एमडीडीए के बायलॉज के विपरीत बने भवनों में कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा एमडीडीए ने सुभाष रोड और बंजारावाला क्षेत्र में 14 लोगों को सीलिंग और ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी किए हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में अतिक्रमण के अलावा नक्शे के विपरीत बने भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। एमडीडीए की टीम सुभाष रोड पहुंचे। यहां 10 से ज्यादा लोगों को पूर्व में नोटिस दिए गए थे। इस दौरान सुभाष रोड पर अरुण गोयल के अन्नपूर्णा चाट-कैफे एंड रेस्टोरेंट भवन को सील किया गया। इसके अलावा इसी रोड पर चरणजीत लाल के शोरूम को सील किया गया।

इधर, सहारनपुर रोड में नरेश नरुला के नरुला होटल को अगस्त माह में सील किया था। होटल संचालक ने बायलॉज के मुताबिक होटल संचालित करने की बात कही थी। जबकि होटल के बेसमेंट में पार्किंग की जगह ऑफिस और दूसरी व्यवसायिक गतिविधियां चल रही थीं। समय पर मानक पूरे न करने पर होटल नरुला को भी सील कर दिया गया।

उधर, अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स ने 14 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इनके आवासीय भवन में व्यवसायिक गतिविधि और एमडीडीए के नक्शे के विपरीत भवन बनाए गए हैं।

चिह्नित किए 27 अतिक्रमण 

अतिक्रमण हटाओ अभियान की टास्क फोर्स ने शहर में सीमांकन की कार्रवाई जारी रखी। इस दौरान शहर के दो जोन में 27 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि शहर में 8114 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। जबकि 4526 ध्वस्त किए गए हैं।

एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का के अनुसार आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधि संचालित करना नियम विरुद्ध है। इस संबंध में टास्क फोर्स ने पूर्व में नोटिस जारी किए थे। जवाब न देने और सुधार न करने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। अभी कई और भवनों के खिलाफ कार्रवाई होनी बाकी है।

निजी कॉम्पलेक्स की पार्किंग संभालेगा एमडीडीए

वाहनों की दिनों दिन बढ़ती संख्या के बीच सीमित पार्किंग स्थलों की कमी दूर करने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने कमर कस ली है। जिन परियोजनाओं पर कसरत चल रही है, उन पर बरसात के बाद काम शुरू करने और प्रस्तावित परियोजनाओं पर कार्रवाई तेज करने का निर्णय लिया गया है।

जागरण ने दून की पार्किंग व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी। इसका संज्ञान लेकर एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने आश्वस्त किया कि पार्किंग के लिहाज से दून में जल्द क्रांतिकारी बदलाव नजर आएगा। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार एमडीडीए ने निजी कॉम्पलेक्स संचालकों से अपने पार्किंग स्थलों का संचालन एमडीडीए को सौंपने की गुजारिश की थी। ताकि उन्हें सुव्यवस्थित कर वाहनों के लिए खोला जा सके।

इस कड़ी में राजपुर रोड स्थित सबराज प्लाजा के संचालक ने एमडीडीए को एनओसी देकर बेसमेंट व परिसर में पार्किंग का संचालन कराने की अनुमति दी है। यहां पर 50-60 दुपहिया वाहनों व 20 तक चौपहिया वाहनों की पार्किंग की कवायद शुरू कर दी गई है।

इसके अलावा राजपुर रोड पर दोनों तरफ ऑन स्ट्रीट स्मार्ट पार्किंग (सड़क किनारे खाली स्थान पर) विकसित का निर्माण बरसात के तुरंत बाद शुरू करा दिया जाएगा। सड़क के दोनों छोर पर पार्किंग के 28 स्थल विकसित किए जा रहे हैं, जिन पर 661 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। दूसरी तरफ डिस्पेंसरी रोड पर करीब एक हजार वाहनों की पार्किंग का निर्माण करने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं।

मसूरी की पार्किंग को केंद्र से मांगी अनुमति

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एमडीडीए मसूरी में किंक्रेग रोड पर करीब 230 वाहनों की पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। मसूरी में निर्माण के लिए केंद्र सरकार की अनुमति लिया जाना जरूरी है, लिहाजा केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया गया है।

सेलाकुई में ध्वस्त होगा अतिक्रमण: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में देहरादून के सेलाकुई में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बिल्डिंग बनाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने भवनों को एक माह में ध्वस्त करने के आदेश पारित किए हैं। साथ ही कब्जा करने के मामले में जिम्मेदार अफसरों व बिल्डरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है।

सेलाकुई के पूर्व प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेश शर्मा ने 2015 में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि सेलाकुई में अस्पताल, श्मशान घाट की भूमि में तक कब्जा कर बिल्डरों द्वारा आलीशान इमारतें खड़ी कर दी गई। यहां तक कि प्लॉटिंग कर लाखों के वारे न्यारे किये गए। जनजाति की भूमि का फर्जीवाड़ा कर सौदा कर दिया गया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद आदेश पारित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *