ब्राह्मण समिति के आयोजित कवि सम्मलेन में कवियों ने जमाया रंग
ब्राह्मण समिति के होली मिलन और कवि सम्मलेन आयोजित किया।
अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति ने रविवार को होली मिलन कार्यक्रम और कवि सम्मलेन आयोजित किया। प्रकाश पैराडाइज़ ट्रांसपोर्ट नगर रोड देहरादून में आयोजित कवि सम्मेलन में साहित्य की फागुनी बयार पर श्रोता जमकर झूमे। कवियों ने होली, फागुन, प्रेम और देशभक्ति गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ समिति के संरक्षक रामनरेश शर्मा, लालचन्द शर्मा, समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा व अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और परशुराम जी की आराधना कर किया। समिति के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा भारत विविधता में एकता का देश है। विभिन्न ऋतुयें समाज को प्रेम, समर्पण व भाईचारे का संदेश देती है।आज चारों ओर वसन्त की बहार है। प्रकृति ने सम्पूर्ण वातावरण प्रेम व उल्लास के रंग बिखरे हुए है।
शर्मा ने कहा कि प्राचीन काल के संस्कृत साहित्य में होली के अनेक रूपों का विस्तृत वर्णन है। श्रीमद्भागवत महापुराण में रसों के समूह महारास का वर्णन है। अन्य रचनाओं में ‘रंग’ नामक उत्सव का वर्णन है। ऋतु संहार में पूरा एक सर्ग ही ‘वसन्तोत्सव’ को अर्पित है। भारवि, माघ और अन्य कई संस्कृत कवियों ने वसन्त की खूब चर्चा की है। चंद बरदाई द्वारा रचित हिंदी के पहले महाकाव्य पृथ्वीराज रासो में होली का वर्णन है। भक्तिकाल और रीतिकाल के हिन्दी साहित्य में होली और फाल्गुन माह का विशिष्ट महत्व रहा है। भक्तिकालीन में सूरदास, रहीम, रसखान, पद्माकर, जायसी, मीराबाई, कबीर और रीतिकालीन बिहारी, केशव, घनानंद आदि अनेक कवियों को यह विषय प्रिय रहा है। राधा कृष्ण के बीच खेली गई प्रेम और छेड़छाड़ से भरी होली के माध्यम से सगुण साकार भक्तिमय प्रेम और निर्गुण निराकार भक्तिमय प्रेम का वर्णन हुआ है।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज ने सदैव अपने संस्कारों, सभ्यता, संस्कृति व प्रकृति की रक्षा कर एक सभ्य समाज की स्थापना में अपना योगदान दिया है। होली के पावन पर्व भी आज ब्राह्मण समाज कवि सम्मलेन के माध्यम से होली मिलन कर साहित्य व संस्कृति की रक्षा का प्रयास कर रहा है।
कवियों ने खूब लूटी वाहवाही
कवि जय कुमार भारद्वाज ‘अरुण’ ने ‘भंवरों ने बांचा है प्यार का निबंध’ और वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” ने घनाक्षरी “रुत मनभावन सी परब सी पावन, महक महक रही जीवन रंगोली है’ और होली गीत ‘फागुन ने छेड़ी तान घुघती गाए मीठे गान’ सुनाकर वाहवाही लूटी। डंगवाल ने प्रेम पर माहिया भी सुनाए।श्रीकांत श्री ने देशभक्ति गीत ‘मैं भारत बोल रहा हूं’ और अतुल शर्मा ने ‘नदी तू बहती रहना’ सुनाकर खूब तालियां बटोरी। नीता और महिमा श्री ने भी होली पर सुंदर गीत सुनाए। महिमा श्री ने इससे पहले सरस्वती वंदना भी की। इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार गिरधर शर्मा ने काका हाथरसी की हास्य व्यंग्य की कविताएं सुनाई। कवियों ने सामाजिक संदेश की कविताओं से होली के अवसर पर अनूठा रंग बिखेरा। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामनरेश शर्मा और संचालन श्रीकांत श्री ने किया।
अंगवस्त्र से किया कवियों का स्वागत और सम्मान
कार्यक्रम में लालचंद शर्मा, रविन्द्र आनंद, अरुणा शर्मा, विभु शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित किया और होली की शुभकामनाएं दी। समिति के माध्यम से समिति संरक्षक रामनरेश शर्मा, लालचन्द शर्मा, महेश चंद्र शर्मा, पवन शर्मा, केंद्रीय अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा, उत्तराखंडः प्रदेश अध्यक्ष विजय जोशी, उपाध्यक्ष डॉ अजय वशिष्ठ, जिला देहरादून अध्यक्ष अनुराग गौड ने उपस्थित साहित्य जगत के अनमोल रत्नों और कविता पाठ करने वाले अतिथियों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत व सम्मान किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्वजनों के मस्तक पर तिलक किया गया।
कार्यक्रम में इनकी रहेगी मौजूदगी
कार्यक्रम में अरुण कुमार शर्मा, डॉ अजय वशिष्ठ, अनुराग गौड़, विजय जोशी, रुचि शर्मा, रजत शर्मा, रेणु शर्मा, डॉ सुनंदा कालरा, सुरेश शर्मा, कमलेश शर्मा, अनिता शर्मा, राजगीता शर्मा, ऋतु गोयल, सोमदत्त शर्मा, अरुण शर्मा, प्रदीप जोशी, विपिन, पारस, रमेश मिश्रा, अनुराग गौड़, आदित्य, संजय गर्ग,बालेश गुप्ता, फतेह चंद, रविन्द्र आनंद, मन्नू उपाध्यय, राजीव जायसवाल, राजेश शर्मा, पंडित शुभम भारद्वाज,संजय गर्ग, उमेश कौशिक, अंजू शर्मा, सत्या मिश्रा, विकास, मन्नू, वसुधा,पूजा, भूमि शर्मा, अमृता शर्मा, उमेश कौशिक, साक्षी शर्मा, अंजू शर्मा, रमेश मिश्रा, राजीव जायसवाल, संजय शर्मा, अक्षय शर्मा, मेघा शर्मा, विनोद कुमार शर्मा, शशि शर्मा, जेएल गंगाधरन, रेखा कौशिक, संजय गर्ग, पंडित रामप्रसाद गोटन, पंडित थानेश्वर उपाध्यय, पंडित शालिक राम शास्त्री, डॉ अजय वशिष्ठ, एसके शर्मा, संजय मिश्रा, अग्रज शर्मा, कुमार पीयूष, राजू सभरवाल, अनिल आनंद, फतेह चन्द्र गर्ग, कमलेश अग्रवाल, एके तयाल, प्यारेलाल जगूड़ी, राजेश शर्मा, सत्य प्रकाश गोयल, हरिराम गुप्ता, डॉ शेलेन्द्र कौशिक, उमा कोठारी, ललित शर्मा, आशीष गौड, बालेश गुप्ता, मयंक शर्मा, रोहित गुप्ता आदि उपस्थित रहे।