हाईकोर्ट का आदेश: मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं, याचिका खारिज
-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिद पर लाउड स्पीकर लगाकर अजान देना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने इरफान की याचिका पर दिया है। इसको लेकर बदायूं के एसडीएम ने मस्जिद पर लाउड स्पीकर लगाने की अनुमति न देने के उचित कारण भी दर्ज कराए हैं।
मस्जिदों व अन्य धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाने के योगी सरकार के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाने की अनुमति मांगने की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाना किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं है। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाने की अनुमति की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिद पर लाउड स्पीकर लगाकर अजान देना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। इसको लेकर बदायूं के एसडीएम ने मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न देने के उचित कारण भी बताए। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने इरफान की याचिका पर दिया है।
एसडीएम ने कर दिया था निरस्त
याची का कहना था कि एसडीएम बिसौली का आदेश अवैध है। इससे याची के मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाकर अजान पढ़ने के मूल अधिकारों व कानूनी अधिकार का हनन किया गया है। एसडीएम का 3 दिसंबर 21 का लाउड स्पीकर लगाने की अनुमति न देने का आदेश रद्द किया जाए। याची ने 20 अगस्त 21 को अर्जी दी थी, जिसे एसडीएम ने निरस्त कर दिया।