50 बेड से कम संख्या वाले अस्पतालों को क्लीनिकल एक्ट में मिले छूट: आईएमए
-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से क्लीनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट के नियमों में शिथिलता की मांग की।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से क्लीनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट के नियमों में शिथिलता की मांग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री को चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। जिसमें 50 व इससे कम बेड वाले अस्पतालों को एक्ट की परिधि से बाहर रखने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत ईटीपी व एसटीपी व्यवस्था में छूट, अस्थाई पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट, अग्निशमन अधिनियम को लागू करना, निजी अस्पतालों व चिकित्सकों की सुरक्षा के मध्यनजर महामारी एक्ट जारी रखने की मांग की गई।
विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में आईएमए के पदाधिकारियों, शासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने क्लीनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट में आईएमए के छूट देने संबंधी बिन्दुओं पर चर्चा की। डा. रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सरकारी एवं निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीनेशन का कोटा निर्धारित किया गया है। जिसके तहत राज्यों को मिलने वाले कोविड-19 वैक्सीन कोटे के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों को 75 प्रतिशत व निजी अस्पतालों को 25 प्रतिशत वैक्सीन आवंटित की जा रही है। इसके बावजूद निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा बहुत कम है।
उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों के माध्यम से सभी निजी अस्पतालों से अपने वैक्सीनेशन का कोटा पूर्ण करने की अपील की। डा. रावत ने आश्वासन दिया कि आईएमए के चार सूत्रीय मांगों पर शासन स्तर पर सकारात्मक विचार किया जायेगा, जिन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में होगा उनको तत्काल हल किया जायेगा। उन्होंने कहा आगामी 4 सितंबर को आईएमए की पहल पर राज्यभर के निजी चिकित्सकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें शासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में राज्य पर्यावरण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने कहा कि निजी अस्पतालों में वैक्टीरियल वेस्टेज के लिए ईटीपी संयंत्र एवं अन्य मेडिकल वेस्ट के लिए एसटीपी की व्यवस्था आवश्यक है। जिसमें पर्यावरण व स्वास्थ्य मानकों के लिहाज से किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा सकती है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि आईएमए अपने सभी निजी अस्पतालों के माध्यम से कोविड की तीसरी लहर के मध्यनजर टेली मेडिसीन, निक्कू वार्ड की व्यवस्थाएं बढ़ाने के साथ ही वैक्सीनेशन में भी तेजी लाकर सरकार का सहयोग करें।
इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, अपर सचिव स्वास्थ्य व महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा आर रविशंकर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक स्वास्थ्य डा. एसके गुप्ता, अपर निदेशक डा. मीतू शाह, आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. डीडी चौधरी, आईएमए उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष डा. अरविंद शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।