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पवित्र महापर्व दशलक्षण धर्म : सम्यक दर्शन और सम्यक ज्ञान आत्मा को करता है पवित्र

देहरादून। जैन समाज के पवित्र महापर्व दशलक्षण धर्म की परिसमाप्ति के पर बुधवार को देहरादून स्थित सभी जैन मंदिरों में रत्नत्रय की आराधना करने वाले श्रद्धालुओं ने सम्यक चरित्र की पूजा अर्चना की। प्रिंस चौक स्थित महावीर जिनालय में शांति धारा मुदित जैन व गुलशन जैन को श्रीजी का प्रथम कलश अभिषेक अचल जैन को सौभाग्य मिला।


सम्यक चारित्र के पावन पर्व पर श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जैन भवन गांधी रोड देहरादून में प्रथम अभिषेक अचन जैन, शांति धारा मुदित जैन सिरमौर एंक्लेव देहरादून व गुलशन जैन रेस्टकैंप वालो को सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर महामंत्री हर्ष जैन ने विचार रखते हुए कहा कि सम्यक दर्शन सम्यक ज्ञान के साथ जब आत्मा को पवित्र करने की कोशिश में हिंसा झूट, चोरी, कुशील, परिग्रह व क्रोध, मान, माया, लोभ आदि खोटे भाव त्याग दिए जाते हैं। साथ ही सत्य, अहिंसा, अचौर्य, संतोष, संयम, ब्रह्मचर्य व आत्मध्यान आदि रूप क्रियाओं का पालन किया जाता है, उसे सम्यक चारित्र कहते हैं। इसी  श्रंखला में महेंद्र जैन ने कहा कि सभी जैन बंधुओं ने कोरोना वैश्विक महामारी के चलते हुए हर परिस्थिति में 10 लक्षण धर्म को भक्ति व आराधना के साथ मनाया।
नित्य प्रतिदिन की तरह संध्या कालीन आरती सामूहिक रूप से की गई। भक्तामर पाठ जिनवाणी जागृति मंच की ओर से किया गया। इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन, केन्दीय महिला संयोजिका मधु जैन , आशीष जैन, मनोज जैन, संदीप जैन सहारनपुर वाले, राजीव जैन, अजीत, अमित, सुनैना, शेफाली, मोनिका जैन, रश्मि जैन आदि मौजूद रहे।

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