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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम पर कवि जसवीर सिंह हलधर की ग़ज़ल

जसवीर सिंह हलधर
देहरादून, उत्तराखंड
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ग़ज़ल (हिंदी) – श्रीराम के नाम
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सितारों में चकल्लस है चमक शशि और दिनकर में।
यही अहसास धरती पर यही अहसास अंबर में।।

कभी इक बाबरे ने ध्वंस कर दी थी निशानी जो,
मिटा पाया नहीं जालिम बसे श्री राम उर हर में।

फटी त्रिपाल में रह कर सिया सँग कष्ट झेले हैं,
पुनः वनवास दुहराया अयोध्या महल परिसर में।

सवारी आ गयी देखो हमारे राम जी की लो,
खड़े सब भ्रात दक्षिण में खड़े हनुमान उत्तर में।

समूचे विश्व में हलचल गवाही दे रहीं खबरें,
पधारे न्याय के द्वारा पुनः अपने उसी घर में।

दिया प्रभु राम ने परिचय सरलता का सनातन का,
सकल ब्रह्मांड की शक्ति समाहित नाम रघुवर में।

हमारी प्रार्थना सुनकर धरा पर नाथ आये हैं,
ठिकाना छोड़कर “हलधर” पुराना क्षीर सागर में।

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