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जसवीर सिंह हलधर की हिंदी ग़ज़ल… आदमी का आजकल बस एक ही तो काम है..

जसवीर सिंह हलधर
देहरादून, उत्तराखंड
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ग़ज़ल(हिंदी)
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आदमी का आजकल बस एक ही तो काम है।
झूँठ बोले रात दिन मिलता उसे आराम है।

राज नेता देश में सारे यही तो कर रहे,
पाक दामन हो रहा क्यों डील में बदनाम है।

हैं सभी भाषा सुहानी सीख कर देखो मियां,
एज दूजे को सदा देती रही पैगाम है।

कुछ सियासी लोग मिलकर कौम को भरमा रहे,
बात उनकी सुन रहा क्यों देश का आवाम है।

मंच से नारा गरीबी को मिटाना दे रहा,
शाम को विस्की भरा उस शख्स के लव जाम है।

वक्त इतना भी नहीं की खा सकें दो रोटियां,
शांति मन में साधने में हुंडिया नाकाम है।

रोग की गंभीरता को जो कभी माने नहीं,
जिंदगी वीरान उनकी मौत ही अंजाम है।

आप भी सोचो जरा जो बात “हलधर” ने कही,
लोक हित हो जिंदगी हर रोज रंगी शाम है।

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