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कश्मीरी मुस्लिम ऐक्टिविस्ट जावेद बेग ने कहा… पंडितों के साथ गुनाह हुआ, माफी मांगी

-पंडितों के साथ गुनाह हुआ है। कश्मीरी मुस्लिमों ने आजादी के नाम पर हाथ में बंदूकें उठाईं। जावेद ने कहा कि यह प्रोपागैंडा नहीं हकीकत है। सच सच ही रहता है भले ही कोई इसे कहे या न कहे।

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की रिलीज के बाद कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ अत्याचार फिर से चर्चा में है। कश्मीरी लेखक/ऐक्विटविस्ट जावेद बेग के ट्वीट्स वायरल हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर हाथ जोड़कर कश्मीरी पंडितों से माफी मांगी है। जावेद का कहना है कि उनके वालिदों ने जो गलतियां की यूथ्स को उन्हें मानना चाहिए।

हमारी बहन गिरजा टिक्कू के टुकड़े कर दिए गए

‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटा है। कुछ फिल्म को प्रोपागैंडा व मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं तो कई समर्थन में हैं। अब कश्मीरी मुस्लिम लेखक जावेद बेग के कुछ ट्वीट्स सुर्खियों में हैं। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है, मैं कश्मीरी मुस्लिम हूं। हमारी बहन गिरजा टिक्कू के जीते जी टुकड़े कर दिए गए। ये कश्मीरी मुस्लिम परिवारों ने किया, जिनके हाथों में पाकिस्तान ने आजादी के नाम पर बंदूकें थमा दी थीं। यह सच है प्रोपागैंडा नहीं। मैं पंडित बिरादरी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
बोले- सच सच ही रहेगा, मैं शर्मिंदा हूं

मैं कश्मीरी पंडितों के पहले हत्याकांड का गवाह

दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया

जावेद की एक क्लिप भी वायरल है। इसमें वह न्यूज चैनल से बोलते दिख रहे हैं, बीरवाह के जिस इलाके से मैं ताल्लुक रखता हूं। 21 मार्च को जो पहला हत्याकांड हुआ था। इसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया था। मैंने वो देखा है। न ही वे लोग आजादी रोक रहे थे। न ही वे किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोग थे। उनमें से एक इलाके का हेडमास्टर साहब था। मेरे जैसा एक नौजवान उसकी शहादत के बाद टीचर लिस्ट में आ गया। वो हत्याकांड नहीं है तो क्या है। निहत्थे लोगों के साथ आप जो कर रहे हो वो जुल्म नहीं है तो क्या है, जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों को मारा है वे हमारी ही बस्तियों के, हमारे ही लोग थे।

गैर नहीं थे कश्मीरी पंडित

कश्मीरी पंडित गैर नहीं थे। हमारा ही खून हैं। हमारी ही नस्ल हैं। जानवर भी जानवर को नहीं मारते। मेरे वालिद साहब की पीढ़ी ने जो गलतियां कीं, एक प्रोग्रेसिव यूथ होने के नाते, हमें मानना चाहिए कि गुनाह हुए हैं। इसके लिए सबको सामूहिक रूप से कश्मीरी पंडितों से माफी मांगनी चाहिए। इसके लिए किसी मूवी की जरूरत नहीं है। इसके लिए जमीर की जरूरत है। इस्लाम में लिखा है कि कहीं युद्ध हो और आपके इलाके में कोई गैर मुस्लिम है तो उसकी इज्जत, जिंदगी और प्रॉपर्टी को बचाना आपका फर्ज है।

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