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नेता प्रतिपक्ष की कोठी के अतिक्रमण पर चली जेसीबी, अधिकारियों ने स्वयं हटाए अतिक्रमण

देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान की मार नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के सरकारी आवास पर भी पड़ी। वहीं, कई स्थानों पर अधिकारियों, दुकानदारों ने स्वयं ही अपने अतिक्रमण हटा दिए।

जेसीबी से नेता प्रतिपक्ष की कोठी की बाउंड्री का आधा हिस्सा ध्वस्त किया गया। इधर, न्यू कैंट से कालीदास और रायपुर से लाडपुर तक करीब 270 अतिक्रमण जेसीबी से ध्वस्त किए गए। वहीं एमडीडीए ने आवासीय घरों में व्यवसायिक गतिविधि चलाने पर 11 प्रतिष्ठान सील किए।

राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। वीआइपी इलाके न्यू कैंट रोड से लेकर पॉश कॉलोनी कालीदास रोड तक जेसीबी से कई बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यहां 17बी न्यू कैंट रोड पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के सरकारी आवास भी अतिक्रमण की जद में आ गया। यहां प्रशासन की जेसीबी ने आवास के मुख्य गेट से लगे अतिक्रमण को ध्वस्त किया।

नेता प्रतिपक्ष के आवास के अलावा आस-पास लगे दूसरे बड़े अतिक्रमण भी हटाए गए। कालीदास रोड पर जेसीबी ने करीब एक किमी क्षेत्र में बड़े अतिक्रमण पर कार्रवाई की। इससे यहां बनी आलीशान कोठियों के मालिकों में हड़कंप मचा रहा। जेसीबी से बड़ा नुकसान होते देख कई लोगों ने स्वयं मजदूरों से अतिक्रमण ध्वस्त कराया। यहां टीम ने एक साथ 84 अतिक्रमण ध्वस्त किए।

ध्वस्तीकरण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल और एसडीएम मसूरी मौके पर डटे रहे। इधर, रायपुर रोड पर सहस्रधारा क्रॉसिंग से लेकर लाडपुर तक 149 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यहां 40 से ज्यादा दुकानें और बड़े अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई। एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह ने बताया कि लोगों ने नोटिस देने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया तो जेसीबी से ध्वस्त किए गए। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। रायपुर रोड पर गुरुनानक स्कूल और डील के बीच 11 दुकानें सील की गईं। ये दुकानें आवासीय भवन में संचालित की जा रही थीं।

प्रकाश पंत की कोठी छोड़ दी 

न्यू कैंट रोड में नेता प्रतिपक्ष की सरकारी कोठी से कुछ ही दूरी पर कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की भी सरकारी कोठी है। उनकी कोठी का भी कुछ हिस्सा बाहर नाली और सड़क तक फैला हुआ है। लेकिन, इस कोठी पर अतिक्रमण चिह्नित नहीं किया गया। हालांकि अफसरों ने इसकी जानकारी होने से इन्कार किया है।

आइएएस पांडेय ने तुड़वाया अतिक्रमण

सूचना महानिदेशक और वरिष्ठ आइएएस पंकज पांडेय ने कालीदास मार्ग पर अपनी कोठी का अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने मजदूरों से गेट की टाइल्स और रैंप तुड़वाया। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि पंकज पांडेय का आवास करीब आठ इंच अतिक्रमण की जद में आया था।

रविवार को लाल निशान मिटाने के बाद पांडेय की कोठी चर्चा में रही। उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचने पर उन्होंने स्वयं अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया।

अतिक्रमण की जद में रायपुर थाना 

डालनवाला थाने के बाद रायपुर थाना भी अतिक्रमण की जद में आ गया है। सोमवार को अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने रायपुर थाने की बाउंड्रीवाल ध्वस्त कर दी। इसके अलावा थाने से लगे आवासीय परिसर पर भी लाल निशान लगाए हैं। आवासीय परिसर की बाउंड्री का भी कुछ हिस्सा तोड़ा गया।

मुख्य सचिव ने सरकारी आवास से खुद हटवाया अतिक्रमण

हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ के तहत मुख्य सचिव के सरकारी आवास की चहारदीवारी अतिक्रमण के तहत चिह्नित की गई थी। सोमवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अपने सरकारी आवास से चिह्नित अतिक्रमण को स्वयं हटवा दिया। मुख्य सचिव की इस पहल से अतिक्रमण हटाओ अभियान को बल मिला है। वहीं अतिक्रमणकारियों के विरोध के स्वर धीमे बढ़ सकते हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर राजपुर रोड स्थित जाखन में मुख्य सचिव के  सरकारी आवास की चहारदीवारी अतिक्रमण की जद में थी। इस पर टीम ने चिह्नीकरण कर लाल निशान लगाए थे। इसकी जानकारी मुख्य सचिव को लगी तो उन्होंने सोमवार को मजदूर बुलाकर स्वयं अतिक्रमण हटावा दिया। इसकी भनक अफसरों को तब लगी, जब आवास की आधी चहारदीवारी तुड़वा दी गई।

हालांकि सूबे के सबसे बड़े अधिकारी होने के कारण कोई भी अधिकारी इसको लेकर कुछ बोलने से परहेज करते रहे। मगर, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जहां भी अतिक्रमण किया गया, लोगों को स्वयं हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी का सहयोग जरूरी है। ताकि हाईकोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन किया जा सके।

उधर, मुख्य सचिव के स्वयं सरकारी आवास से अतिक्रमण हटाने का यह निर्णय प्रदेश के लिए नजीर के रूप में देखा जा रहा है। इससे अतिक्रमण के विरोधियों को बड़ा झटका लगा है। खासकर अतिक्रमण को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोग अब इस मामले में मुख्य सचिव तक शिकायत लेकर जाने में संकोच करेंगे।

पलटन बाजार और प्रेमनगर में अतिक्रमण हटाने की चुनौती

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पलटन बाजार और प्रेमनगर बाजार के अतिक्रमण को हटाने की चुनौती प्रशासन के सामने बरकरार है। पलटन बाजार में व्यापारियों के दबाव के बाद कई जगह अतिक्रमण के चिह्नीकरण को लगाए गए लाल निशान बदल दिए हैं। वहीं, टीम प्रेमनगर बाजार में चिह्नीकरण करने से कतरा रही है। वहीं अपर मुख्य सचिव ने प्रेमनगर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।

पलटन बाजार में अतिक्रमण पर लाल निशान लगाने से पहले ही व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। रविवार को एमडीडीए के वीसी के समक्ष विरोध करने के साथ ही व्यापारियों ने टीम को वापस लौटा दिया था। सोमवार को टीम दोबारा पलटन बाजार गई तो व्यापारियों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस पर टीम ने पहले लगाए गए निशानों से बाहर अतिक्रमण पर औपचारिक निशान लगाए। दोबारा हुए चिह्नीकरण में व्यापारियों का दबाव साफ नजर आया।

ऐसे में अतिक्रमण हटाओ अभियान में सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि अभी पलटन बाजार में चिह्नीकरण का कार्य जारी रहेगा। इधर, प्रेमनगर केहरी गांव के समीप 16 मीटर तक अतिक्रमण चिह्नित किए गए। यहां दो टीमों ने सड़क के दोनों छोरों में 15 से 16 मीटर तक के अतिक्रमण चिह्नित किए।

इससे कई बड़े मकान, दुकान, होटल और संस्थान अतिक्रमण की जद में हैं। लेकिन, इतने बड़े अतिक्रमण हटाने की चुनौती बरकरार है। हालांकि अतिक्रमण हटने के बाद यहां लगने वाले जाम और आइएमए की सुरक्षा में सुविधा मिलेगी। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने भी अधिकारियों से कहा कि दोनों बाजार के अतिक्रमण हटाए जाने जरूरी हैं। प्रेमनगर क्षेत्र में मुख्य सड़कों के अलावा आस-पास के कस्बों से आइएमए की सुरक्षा के मद्देनजर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

मंदिर-मस्जिद भी अतिक्रमण की जद में

प्रेमनगर केहरी गांव के पास मजार और पलटन बाजार में मंदिर और मस्जिद भी अतिक्रमण की जद में हैं। इस पर प्रशासन की टीम ने लाल निशान लगाए हैं। इसके अलावा आइएमए के समीप छावनी परिषद की टोल चौकी, आइएमए के बाहर बनी फूलों की क्यारी, भाटिया गार्डन पर भी लाल निशान लगाए गए।

समन्वय बनाकर तैयार करें पुनर्निर्माण प्लान 

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने अतिक्रमण अभियान की समीक्षा करते हुए आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अतिक्रमणमुक्त हुए स्थानों के पुनर्निर्माण को विभाग समन्वय बनाकर समय पर प्लान तैयार करें। ताकि बजट और दूसरे कार्रवाई की जा सके।

अपर मुख्य सचिव ने अभियान से जुड़े  एमडीडीए, जल निगम, बीएसएनएल, लोनिवि, ऊर्जा व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन-जिन स्थानों पर ध्वस्तीकरण का कार्य किया गया है, उन स्थानों पर संबंधित विभाग अपने से संबंधित कार्य को समयबद्धता के साथ पूरा करें। पिलरों के जीयो-टैगिंग का कार्य में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने निर्देश दिए कि रिस्पना से प्रिंस चौक व सर्वे चौक से रायपुर रोड स्थित डील फैक्ट्री तक जो भी सड़कों के चौड़ीकरण व सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जाना है, इसका एस्टीमेट संबंधित विभाग जल्द दें।

…तो प्रभावितों को मिलेगी दुकानें 

अपर मुख्य सचिव ने नगर निगम को निर्देश दिए कि जल्द वेंडिंग जोन बनाने की कार्यवाही शुरू कर दें। जिन लोगों की दुकानें अतिक्रमण के दौरान पूरी ध्वस्त हो गई है। उनका एक रिकार्ड बनाया जाए। वेंडिंग जोन बनने के बाद उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ दुकानें आवंटित की जा सकें।

18 दिन में 75 फीसद अतिक्रमण हटाने की चुनौती 

हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए जा रहे अतिक्रमण अभियान के दौरान अभी तक 25 फीसद काम हुआ है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 18 जून को आदेश दिए थे। मगर, अतिक्रमण हटाओ अभियान की  कार्ययोजना बनाने में करीब एक सप्ताह का समय लग गया था।

टास्क फोर्स ने 27 जून से कार्रवाई शुरू की गई। 27 जुलाई तक एक माह के भीतर यह अतिक्रमण हटाया जाना है। मगर, अभी बड़े और विवादित अतिक्रमण शेष हैं। ऐसे में 18 दिन के भीतर की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई पूरी करनी प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं है।

अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स के अध्यक्ष एवं एमडीडीए के वीसी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण, चिह्नीकरण व सीलिंग का कार्य मुख्य सड़कों पर 25 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है।

कांग्रेस ने अतिक्रमण हटाने का किया विरोध, पार्टी मुखर

हाईकोर्ट के आदेश पर देहरादून में चल रहे अतिक्रमण अभियान के खिलाफ कांग्रेस एक बार फिर मुखर हुई है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर वैध निर्माणों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई का विरोध किया।

सचिवालय में सोमवार सायं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि करनपुर क्षेत्र में कई वैध निर्माणों को अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किए बगैर ही तोड़ दिया। नगरपालिका परिषद से स्वीकृत मानचित्र को भी माना नहीं जा रहा है। इसी तरह पलटन बाजार में भी अतिक्रमण विरोधी दस्ता व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ा कर रहा है। एमडीडीए व नगर निगम ने नालियों के ऊपर बने फुटपाथ का निर्माण कराया है, लेकिन इसे भी हटाया जा रहा है। दुकानों पर अतिक्रमण के निशान लगाना न्याय संगत नहीं है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि कांग्रेस पार्टी अतिक्रमण करने वालों के पक्ष में नहीं है, लेकिन वैध निर्माणों पर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई न्याय के विपरीत है। उन्होंने एमडीडीए से स्वीकृत मानचित्रों के निर्माणों को ध्वस्त नहीं करने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व विधायक राजकुमार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, मीडिया कमेटी अध्यक्ष राजीव महर्षि, महेश जोशी, त्रिलोक सिंह सजवाण, शोभाराम, दीप वोहरा शामिल थे।

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