कांग्रेस को झटका, राहुल-प्रियंका के करीबी जितिन प्रसाद भाजपा में हुए शामिल
-बुधवार (आज) को जितिन प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ली। उन्हें रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तर-प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ली। उन्हें रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
भाजपा कार्यालय पहुंचने से पहले जितिन प्रसाद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। प्रसाद का स्वागत करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि जितिन लंबे समय से उत्तर प्रदेश की सेवा में लगे हैं। उनकी उम्र सिर्फ 27 साल थी, जब पिता जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया था। तभी से वह राज्य की सेवा में लग गए थे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
चुनाव से पहले यूपी कांग्रेस को झटका
गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ब्राह्मण बिरादरी को साधने का प्रयास किया था। सपा से गठबंधन के ऐलान से पहले शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट भी घोषित किया। इस बिरादरी में जितिन प्रसाद की अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा जितिन प्रसाद कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं, जिनकी छवि साफ रही है, वह विवादों से परे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए उनका भाजपा में जाना बड़ा झटका है।
मुख्यमंत्री योगी को जितिन ने बधाई दी थी, तभी से थे कयास
जितिन प्रसाद ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई दी थी। उन्होंने ट्वीट से खुद के कांग्रेस नेता होने का जिक्र भी हटा लिया था। उसके बाद उन्हें लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। गत लोकसभा चुनाव के दौरान ही वह भाजपा में शामिल होने वाले थे, लेकिन कांग्रेस उन्हें मनाने में कामयाब रही थी।
राहुल और प्रियंका गांधी के करीबी थे जितिन प्रसाद
लोकसभा चुनाव के बाद फिर से जितिन की नाराजगी की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा को लेकर वह नाराज चल रहे हैं। ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले जितिन प्रसाद की भाजपा में एंट्री अगड़ी जातियों को लुभाने के लिहाज से अहम हो सकती है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी लोगों में शुमार किया जाता रहा है। खासतौर पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा नुकसान है।
चुनाव के लिए एक्टिव हुई भाजपा
जितिन प्रसाद की कांग्रेस में लंबे समय से नाराजगी चल रही थी। सुलह न होने पर उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद ब्राह्मण चेतना परिषद नाम से संगठन बना लिया था। वह लंबे समय से ब्राह्मण बिरादरी के बीच काम करते रहे हैं। यूपी में भाजपा से ब्राह्मणों की नाराजगी के कयासों के बीच उनका पार्टी में आना फायदेमंद साबित हो सकता है। 2017 में भी भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों से आने वाले कई नेताओं को शामिल किया था। ऐसे में जितिन की एंट्री भाजपा की ओर से यूपी विधानसभा चुनावों के लिए एक्टिव होने का संकेत है।