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कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर उत्तराखंड सरकार देगी दोगुना अनुदान

-पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को पर्यटन व संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न बिदुओं पर चर्चा के काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। महाराज ने दिये पर्यटन व संस्कृति विभाग के खाली पदों को भरने के निर्देश हैं।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड सरकार कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले राज्य के तीर्थयात्रियों को अब दोगुना अनुदान राशि देगी। सरकार की ओर से अब तक प्रति यात्री 25 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी, उसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किए गए है। इसका फैसला आज हुई विभागीय समीक्षा बैठक में लिया गया।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, गढ़ी कैंट स्थित सभागार में पर्यटन व संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक ली। महाराज ने अधिकारियों को विभागों में खाली पड़े पदों को जल्द भरने के निर्देश दिया। शत प्रतिशत बजट खर्च करने की हिदायत के साथ ही कार्यों में लापरवाही बरतने पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी।

प्रसाद योजना के तहत 34.78 करोड़ की स्वीकृति

प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रसाद योजना के तहत श्री केदारनाथ के रूट पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 34.78 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। महाराज ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से अब तक 27.83 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है। योजना के तहत धाम में होने वाले सभी विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं। जबकि, श्री बद्रीनाथ धाम के लिए योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से 39.23 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करते हुए 11.77 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। जिसकी मदद से बद्रीनाथ धाम में योजना के तहत होने वाले कार्यों को तेजी से किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रसाद योजना के तहत गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए होने वाले विकास कार्यों की 54.35 करोड़ रुपये की डीपाआर पर प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।

विकसित किए गए 135 पर्यटन स्थल

महाराज ने कहा कि प्रदेशभर में अनुमोदित पर्यटन सर्किटों से आच्छांदित 135 पर्यटन स्थलों को विकसित किया गया है। जिसमें गढ़वाल मंडल में 77 व कुमाऊं मंडल में 58 पर्यटन स्थल शामिल हैं। पर्यटन मंत्री ने पर्यटन सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि आच्छांदित किय गये पर्यटन स्थलों को विकसति करने के लिए धनराशि आवंटित करें।

खाली पद भरने के निर्देश

महाराज ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय व जनपदीय कार्यालयों में 06 खेल अधिकारी, 11 फील्ड सहायक, 09 वैयक्तिक सहायक-।।, 04 प्रशासनिक अधिकारी, 09 मुख्य सहायक, 02 वैयक्तिक सहायक-।, 25 एडवेंचर विंग के पदों सहित सभी 126 पदों पर जल्द भर्ती के निर्देश दिए हैं। विभाग में भी खाली सहायक लेखाकार, कनिष्ठ सहायक, मानचित्रकार, रसायनविद्, कनिष्ठ प्राविधिक सहायक, कनिष्ठ प्रवक्ता व संगीतकर्ता के सभी 31 पदों को भरने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए किया जा रहा तेजी से काम

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच उत्तराखंड पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। विकास कार्यों में तेजी लाने के साथ पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ आर्थिकी को मजबूत किया जा सके।

बैठक में पर्यटन अपर सचिव युगल किशोर पंत, जीएमवीएन प्रबंध निदेशक/महानिदेशक संस्कृति डॉ आशीष चौहान, पर्यटन निदेशक प्रशांत कुमार आर्य, अपर मुख्यकार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर, निदेशक अवस्थापना कर्नल ले. दीपक खंडूरी, वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान, संस्कृति विभाग निदेशक बीना भट्ट, अपर निदेशक पूनम चंद, विवेक चौहान, उप निदेशक योगेंद्र कुमार गंगवार, रिचर्स ऑफिसर एसएस सामंत, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी समेत विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

स्वदेश दर्शन में संवर रहा उत्तराखंड पर्यटन

स्वदेश दर्शन योजना से उत्तराखंड पर्यटन नए कलेवर में निखरकर सामने आ रहा है। योजना के तहत टिहरी में ईको एवं एडवेन्चर डेस्टिनेशन के लिए 69.71 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। जबकि, योजना के तहत होने वाले सभी विकास कार्यों को पूरा कर लिया गया है। वहीं, कुमाऊं हैरिटेज सर्किट के लिए 76.32 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की ओर से 67.62 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।

टिहरी बनेगा पर्यटन हब

टिहरी झील के समग्र विकास के लिए शासन की ओर से चिन्हित किए गए कार्यों की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत टिहरी झील में विभिन्न विकास कार्य कर टिहरी को पर्यटन हब बनाया जाएगा।

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