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कवि चंदेल साहिब की चाय की महिमा पर एक सुंदर रचना

कवि चंदेल साहिब
हिमाचल प्रदेश
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एक कप चाय
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ज़िंदगी जीने का मज़ा आ जाए।
सर्दी में गर्मी का एहसास दिलाए।।
अग़र इक़ कप चाय मिल जाए।।

पूरे दिन की थकान मिट जाए।
ठहरे हुए पाँव दोबारा चल पाए।।
अग़र इक़ कप चाय मिल जाए।।

सोए अरमानों को पँख लग जाए।
भीगी पलकों को ख़ुशी मिल जाए।।
अग़र इक़ कप चाय मिल जाए।।

रुकी धड़कनों को साँसे मिल जाए।
बंद लबों को अल्फ़ाज़ मिल जाए।।
अग़र इक कप चाय मिल जाए।।

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सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..25/12/2020
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