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डॉ अलका अरोड़ा और उमेश प्रभाकर ने सजाया हृदयांगन का कवि सम्मेलन

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। राष्ट्रीय संस्था हृदयांगन साहित्यिक व सामाजिक संस्था मुंबई ने हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन रविवार को आयोजित किया। सम्मेलन में मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे (महाराष्ट्र), नई दिल्ली, देहरादून, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व कानपुर से 24 लोकप्रिय कवि शामिल हुए। साढ़े चार घंटे चले कवि सम्मेलन का संचालन डॉ अलका अरोड़ा और उमेश प्रभाकर ने किया।

समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि सुप्रसिद्ध श्रीमदभागवत कथा प्रवक्ता व मानस मर्मज्ञ श्रीकृष्ण द्विवेदी साहित्यरत्न साहित्याचार्य व संस्था के मानद संरक्षक ने हिन्दी को देववाणी संस्कृत की सरल स्वरूप बताते हुये हृदयांगन संस्था द्वारा स्वतंत्रता महोत्सव की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवियों को हृदयांगन की ओर से ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम सम्मान 2021’ उपाधि दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इस महान ग्रन्थ के महत्व पर प्रकाश डाला। आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी महाराज जो स्वयं एक अच्छे कवि हैं, उनके ओजस्वी प्रबोधन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हृदयांगन के अनूठे कवि सम्मेलन की शुरूआत बिजनौर के कवि रमेश चन्द्र महेश्वरी राजहंस की सरस्वती वंदना से हुयी। उसके बाद कानपुर से संतोषी दीक्षित, डॉ कमलेश शुक्ला कीर्ति, सीमा वर्णिका, डॉ अजीत सिंह राठौड़, लुल्ल कानपुरी, रश्मि अनामिका, नई दिल्ली से ऐश्वर्य त्रिपाठी, मुजफ्फरनगर से पूजा अग्रवाल, सहारनपुर से डॉ स्वाति सागर, बिजनौर से रमेशचन्द्र महेश्वरी, राजहंस नवी मुंबई से तनूजा चौहान मुंबई से हौशिला प्रसाद अन्वेशी, शारदा प्रसाद दुबे, शरत चंद्र, उमेश चंद्र मिश्र, प्रभाकर नागेंद्र नाथ गुप्त, डॉ अरुण प्रकाश मिश्र अनुरागी, ओम प्रकाश सिंह, सदाशिव चतुर्वेदी मधुर, कवि व पत्रकार श्रीविनय दीप शर्मा, डॉ विधुभूषण विद्यावाचस्पति, उन्नाव उत्तर-प्रदेश से राजेश वर्मा व देहरादून से डॉ अलका अरोड़ा, विद्युत प्रभा चतुर्वेदी व मंजू ने अपनी कविताओं से सबका दिल जीत लिया।

हिन्दी के इस गंगा स्नान में गोते लगाते हुये कवि व गूगल मीट पर जुड़े सैकड़ो श्रोताओ में आनंद की श्रीवृद्धि हो गयी। जब संस्थाध्यक्ष विधु ने बताया कि अनंत चतुर्दशी यानी आज के दिन कानपुर में उनका जन्म हुआ था। सभी ने संस्थाध्यक्ष को शुभकामनाओं भरी कविताओं से उन पर अमृत वर्षा की। ऐसे अद्भुत स्नेह से अभीभूत विधुजी की आंखे आनंद से सजल हो गयी।

सुप्रसिद्ध छन्द सम्राट राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रधानाचार्य रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर (हृदयांगन के संरक्षक) ने यात्रा के दौरान कार्यक्रम सुना। इस विशेष कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन हृदयांगन की उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यक्रम संयोजक डॉ अलका अरोड़ा (देहरादून) व दूसरे सत्र का संचालन हृदयांगन के महासचिव उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर (मुंबई) ने किया। संचालकों के उत्कृष्ट संचालन से प्रभावित हुये आचार्य ने संस्था की ओर सम्मान प्रमाण के साथ उन्हें मानद राशि भी दी।

अंत में आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी, मुख्य अतिथि हौशिला प्रसाद अन्वेशी, संरक्षक विद्युत प्रभा मंजू, रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी, प्रलयंकर और सभी आमंत्रित कवियों व साहित्य रसिक श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

हृदयांगन संस्थाध्यक्ष विधुभूषण त्रिवेदी ने इस अवसर पर आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी के करकमलों से हिन्दी का शंखनाद ध्वनित करने वाले सभी कवियों को ‘राष्ट्रभाषा हिन्दी गौरव सम्मान 2021’ से सम्मानित किया। उन्होंने संस्था की कार्यक्रम संयोजक डॉ अलका अरोड़ा से ऐसे कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने व उन्हें आयोजित करने का अनुरोध किया। कवि सम्मेलन साढे चार घंटे चला।

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