काव्य संग्रह ‘कविता अविराम-6’ का देहरादून में भव्य लोकार्पण
-देवप्रभा प्रकाशन गाजियाबाद की ओर से दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में आयोजित किया गया लोकार्पण एवं सम्मान समारोह। समारोह में श्रीमती अलका शर्मा के गज़ल संग्रह ‘झरोखे एहसास के’ का भी लोकार्पण हुआ।
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। देवप्रभा प्रकाशन की ओर से रविवार को पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। दून लायब्रेरी में आयोजित समारोह में काव्य संग्रह ‘कविता अविराम -6’ और श्रीमती अल्का शर्मा के गजल संग्रह ‘झरोखे एहसास के’ का लोकार्पण पदमश्री लीलाधर जगूड़ी, मुख्य अतिथि सीएल बरेजा, अति विशिष्ट अतिथि पंकज बिजलवान, विशिष्ट अतिथि अनूप बाजपेई, वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” व डॉ नीरजा चतुर्वेदी और प्रकाशक डॉ चेतन आनंद ने किया। कविता अविराम भाग 6 में उत्तराखंड के 46 कवियों की कविताएं संकलित हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। नीरजा चतुर्वेदी ने सरस्वती वंदना का पाठ कर मां शारदा का आह्वान किया। देवप्रभा प्रकाशन की ओर से प्रकाशक डॉ चेतन आनंद और संगीता आनंद ने सभी अतिथियों का सम्मान शॉल, मोतियों की माला और स्मृति चिन्ह देकर किया। इसके बाद प्रकाशक की ओर से संग्रह में शामिल सभी कवियों को देवप्रभा साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पदमश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि देवप्रभा प्रकाशन का देहरादून में आयोजन करना सराहनीय है। उन्होंने प्रकाशन समूह और डॉ चेतन आनंद को शुभकामनाएं दी। जगूड़ी ने कहा कि भौतिक होना सबसे बड़ी बात है, हमने लकड़ी, पत्थर व पानी को नहीं जाना तो कुछ नहीं जाना। मुझे सरल भाषा में बोलना है। लेकिन, सरल बोलना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि हमारा नामकरण हमारे काम के आधार होना चाहिए, जो हमारा नाम पैदा होने पर रखा जाता है वह हमारा नाम नहीं होता वह किसी और का नाम होता है, जिसको लेकर हम जीवन भर चलते हैं। कार्यक्रम ने जगूड़ी ने अपनी दो कविताओं का पाठ भी किया।
मुख्य अतिथि रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर बुलंदशहर के अध्यक्ष सीएल बरेजा ने कहा कि कई सालों से समाज के कर्णधारों ने हिंदी भाषा को उचित स्थान नहीं दिया है। लेकिन, 70 साल बाद अब वह समय आ गया है, जब हिंदी को उसका असली दर्जा मिल रहा है और हिंदी को सम्मान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लायंस क्लब समाज में जरूरतमंद लोगों को मदद देता है। कहीं पर भी आपदा हो या अन्य जरूरतमंद हो तो लायंस क्लब की ओर से उन्हें सहयोग किया जाता है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से भी कहा कि यदि कोई जरूरतमंद हो तो उनसे संपर्क करवाएं, उनकी मदद की जाएगी।
अति विशिष्ट अतिथि लायंस क्लब के मल्टीपल प्रेसिडेंट पंकज बिजलवान ने कहा कि समाज में संस्कार बहुत जरूरी है, युवा पीढ़ी संस्कारित हो इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को श्रीमद् भागवत गीता पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। गीता के अध्ययन से संस्कारित पीढ़ी समाज को मिलेगी जो देश के निर्माण में अपना योगदान देगी। उन्होंने कहा कि देव प्रभा प्रकाशन ने उत्तराखंड के कवियों को एक मंच पर लाकर सराहनीय प्रयास किया है,उनका यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहेगा इसके लिए मैं प्रकाशन को शुभकामनाएं देता हूं।
विशिष्ट अतिथि अमर उजाला देहरादून के संपादक अनूप बाजपेई ने कहा कि देव प्रभा प्रकाशन ने पहाड़ की प्रतिभाओं को स्थान देकर उन्हें समाज से रूबरू करवाया है। उन्होंने कहा की अमर उजाला का साहित्य को लेकर ऑनलाइन बुलेटिन आता है, जिसमें साहित्यकारों को आमंत्रित कर उन्हें काव्य पाठ कराया जाता है। आज कार्यक्रम में जो रचनाकार मौजूद हैं, वह अमर उजाला में संपर्क करें, उन्हें भी काव्य पाठ का मौका दिया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” ने कहा कि देवप्रभा प्रकाशन साहित्य के संवर्धन में निरंतर प्रयासरत है। अल्प समय में ही प्रकाशन ने बहुत सी पुस्तकें प्रकाशित की हैं, इसी क्रम में उत्तराखंड के साहित्यकारों का संयुक्त काव्य संग्रह कविता अभिराम भाग-6 आया है, जिसमें गढ़वाल और कुमाऊं के 46 साहित्यकारों को स्थान दिया गया है। काव्य संग्रह को लेकर साहित्यकारों में उत्साह है और इसी का परिणाम है कि देहरादून में भव्य लोकार्पण एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। डंगवाल ने कविता अविराम भाग-6 के लिए प्रकाशक डॉ चेतन आनंद और संगीता आनंद को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की। डंगवाल ने कहा कि हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन, आजादी के बाद से ही हिंदी भाषा की शुद्धता पर ध्यान नहीं दिया गया। हिंदी वर्णमाला में ही हिंदी के शब्द नहीं पढ़ाए जा रहे हैं, उसमें सुधार होना चाहिए। डंगवाल ने घनाक्षरी ‘धड़के है दिल मत भारती के नाम से ही देश भावना का यश गान लिख दीजिए, और ‘राधा रानी नैनो से बोलता है प्रीत जब मोहन सम्मोहन में चित हार जाते हैं’ सुनाई।
विशिष्ट अतिथि कवियत्री व आकाशवाणी उद्घोषिका डॉ नीरजा चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने माहिया सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में देवप्रभा प्रकाशन की ओर से चेतन आनंद ने सभी आमंत्रित अतिथियों और रचनाकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कविता अभिराम भाग 6 हमारे लिए विशिष्ट है। पहाड़ के इतनी बड़ी संख्या में रचनाकारों को संग्रह में शामिल कर उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि संग्रह की संपादक कुसुम लता कुसुम के अथक प्रयास से संग्रह का प्रकाशन संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि संग्रह में जितने रचनाकारों की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं, उनको वह सुनना भी चाहेंगे और इसके लिए जल्द ही उत्तराखंड में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
समारोह में संगीता आनंद, नरेंद्र उनियाल, पुष्पलता ममगाई, पीतांबर महंत आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिला देवप्रभा साहित्य गौरव सम्मान
डॉ मनोज जोशी कामदेव, कुसुम लता कुसुम, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल, सुरेंद्र सिंह रावत, भगत सिंह, राणा, नंदन राणा नवल, राजेश जोशी, सुरेंद्र जोशी, अंशी कमल, सुरेश सेमवाल, संगीता बहुगुणा, सुभाष सेमेल्टी, रोशनी पोखरियाल, कमला उनियाल, सुनीता सेमवाल, युद्धवीर सिंह बिष्ट, सानू नेगी, ममता जोशी स्नेहा, विनीता भट्ट, राकेश असवाल, अनिता जोशी, ज्योति बिष्ट, सिद्धि डोभाल, विमल राणा, सरोज डिमरी, ज्योति कपरवान, सुमन किमोठी, नीलम डिमरी, अंजना कंडवाल नैना, शाइनी कृष्ण उनियाल, गीता मैंदोली, संगीता बिष्ट, आशा नेगी, दीप लता झिंकवान, पूनम तिवारी, दीपा बिष्ट, प्रियंका भट्ट प्रिया, रश्मि पैन्यूली, आशा भट्ट, वर्णी पाल, वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ”, मधुर वादिनी तिवारी, वीणा वादिनी उनियाल, दीपिका वल्दिया, कविता बिष्ट, मणि अग्रवाल।