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लामबगड़ में अब नहीं बिगड़ेगा काम, होगी बदरीनाथ की निर्बाध यात्रा

-बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर लामबगड़ स्लाइड जोन की परेशानी हुई दूर। आगामी दस दिन में जनता को समर्पित होगा मार्ग

देहरादून (dehradun)। सरकार ने बदरीनाथ धाम (badrinath highway) की यात्रा में नासूर बने ‘लामबगड़ स्लाइड जोन’ (lambagad slaide Jon) का स्थायी ट्रीटमेंट कर लिया गया है। प्रोजेक्ट महज दो वर्ष में पूरा हो गया। आगामी 10 दिन के भीतर इसे जनता की समर्पित कर दिया जाएगा। इसके बाद अब बिना रुकावट के यात्री बदरी नाथ धाम की यात्रा कर सकेंगे।
लामबगड़ के लगभग 500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया है। सीमांत जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर पाण्डुकेश्वर के पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाड जोन बन गया। हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलबा सड़क पर आने से बदरीनाथ धाम की यात्रा अक्सर बाधित होती थी। 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया। पिछले ढाई दशकों में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे कई वाहनों के मलबे में दबने से कई तीर्थयात्रियों की मौत हुई।

एस्टीमेट के कारण अटका मामला

करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। पूर्व मे लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था, तब जेपी कंपनी ने यहां सुरंग निर्माण का प्रस्ताव रखा, लेकिन उस वक्त सड़क बीआरओ के अधीन थी। बीआरओ ने भी सुरंग बनाने के लिए हामी भर दी थी। लेकिन, दोनों के एस्टीमेट कास्ट मे बड़ा अंतर होने के कारण मामला लटक गया था।

दो साल में पूरा हुआ काम

इसके बाद वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड स्लाइड जोन में हाईवे का नामोनिशां मिट गया। तब सड़क परिवहन मंत्रालय ने लामबगड स्लाइड जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी एनएचपीडब्लूडी को दी। एनएच से विदेशी कम्पनी मैकाफेरी ने यह कार्य लिया। फॉरेस्ट क्लीयरेंस समेत तमाम अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया। वर्ष 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आने पर तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं। दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ। महज दो वर्ष में यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है।

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