लोकसभा चुनाव 2019: उत्तराखंड में महायज्ञ में नारी शक्ति की अहम भूमिका
देहरादून। प्रदेश में 11 अप्रैल को होने वाले मतदान को संपन्न कराने के लिए महिलाएं भी अहम भूमिका निभाएंगी। प्रदेश में महिलाओं के कुल 49 बूथ बनाए गए हैं। इनमें से 49 को सखी और एक बूथ को पर्दानशीं नाम दिया गया है। इन सभी बूथों में पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी व सुरक्षाकर्मी महिलाएं ही होंगी।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पहली बार महिला कार्मिकों की ड्यूटी लगी है। हालांकि इससे पहले विधानसभा चुनावों में भी इनकी ड्यूटी लग चुकी है लेकिन इस बार इनकी संख्या अधिक है। पहले राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक-एक सखी बूथ बनाने की उम्मीद कर रहा था, मगर प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। इस कारण इस बार केवल 49 सीटों पर सखी व एक पर्दानशीं बूथ बनाए गए हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में तीन, चमोली में एक, रुद्रप्रयाग में दो, टिहरी गढ़वाल में दो, देहरादून में 10 सखी, जबकि हरिद्वार में एक पर्दानशीं बूथ है। पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में चार, बागेश्वर में दो, अल्मोड़ा में छह, चंपावत दो, नैनीताल में छह ऊधमसिंह नगर में नौ बूथ शामिल है।
इसके अलावा चुनावों में महिला पीठासीन व मतदान अधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इनमें 250 महिला सब इंस्पेक्टर, 1400 महिला कांस्टेबल व 200 पीएसी महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
पांच महिला प्रत्याशी मैदान में
प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर 52 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। इनमें पांच महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। महिला प्रत्याशियों में से टिहरी गढ़वाल सीट से भाजपा की माला राज्य लक्ष्मी शाह और निर्दलीय मधु शाह चुनाव मैदान में हैं। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर उत्तराखंड क्रांति दल डेमोक्रेटिक की द्रोपदी वर्मा और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की बिमला आर्य चुनाव लड़ रही हैं। वहीं हरिद्वार संसदीय सीट पर हिंदुस्तान निर्माण दल की रीनू मैदान में हैं। पौड़ी व नैनीताल लोकसभा सीट पर कोई महिला प्रत्याशी नहीं है।
प्रदेश में यहां हैं अंतर्राष्ट्रीय बैरियर
- पिथौरागढ़- तीन
- चंपावत- तीन
- ऊधमसिंह नगर- तीन
अंतर्राज्यीय बैरियर, उत्तर प्रदेश
- देहरादून- सहारनपुर- 02
- हरिद्वार -मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर – 20
- पौड़ी गढ़वाल – बिजनौर – 04
- ऊधमसिंह नगर – मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली व पीलीभीत – 50
- अंतर्राज्यीय बैरियर, हिमाचल प्रदेश
- देहरादून-सिरमौर – 08
- उत्तरकाशी- शिमला – 01
15 किमी से दूर 11 बूथ
प्रदेश में 11 बूथ ऐेसे हैं जो 15 किमी से ज्यादा पैदल दूरी पर हैं। 10 से 15 किमी पैदल दूरी पर 22 बूथ, पांच से 10 किमी की दूरी पर 281 बूथ, तीन से पांच किमी की दूरी पर 481 बूथ और एक से तीन किमी की 1285 किमी की दूरी पर हैं।
प्रदेश में दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सुविधा
आयोग ने प्रदेश के 38183 दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा दी है। इन मतदाताओं को वोट देने में एनसीसी और एनएसएस के 9928 स्वयंसेवी सहयोग देंगे। नजदीकी केंद्रों में दिव्यांगों को व्हील चेयर और दूरस्थ स्थानों पर इन्हें डोली के जरिये ले जाया जाएगा। इसके लिए 2746 डोली और व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है।
सबसे अधिक वोटर दमुआढुंगा तो सबसे कम लालढांग में
प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता नैनीताल जिले के ज्वाहर ज्योति दमुआढुगा मतदाता बूथ पर हैं। इस बूथ में 1501 मतदाता है। इसके बाद 1472 मतदाता अल्मोड़ा के रानीखेत (उत्तरी हिस्सा) में हैं। वहीं सबसे कम 14-14 मतदाता पौड़ी जिले के यमकेश्वर तहसील की लालढांग और इसी जिले के कोटद्वार के ढिकाला मतदाता बूथ पर हैं। इसी जिले की लैंसडौन तहसील के पांड मतदाता केंद्र में 34 मतदाता हैं।
एम-16 हेलीकॉप्टर भी रिजर्व में
प्रदेश में मतदान के दिन अपरिहार्य स्थिति के लिए आयोग ने दो हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की है। इसमें एक सेना का एम-16 हेलीकॉप्टर है, जो सरसावा एयर बेस पर रहेगा। वहीं, दूसरा सरकारी हेलीकॉप्टर है, जो देहरादून में खड़ा रहेगा।
आयोग की मौसम पर भी रहेगी नजर
आयोग ने प्रदेश में लगातार बदलते मौसम के मद्देजनर भी तैयारी की है। इसके लिए मौसम विभाग से पूर्वानुमान भी लिया गया है। कुछ पर्वतीय जिलों को छोड़ शेष स्थानों पर मौसम साफ रहेगा। जहां बारिश की आशंका है उन स्थानों पर जिला निर्वाचन अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।