उत्तराखंड राज्य बनने के विरोधी थे हरीश रावत, अब उत्तराखण्डियत का नाटक: कौशिक
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तरखंडीयत की बात करने वाले कांग्रेस के वारिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुरूआत से उत्तराखंड राज्य निर्माण के खिलाफ रहे हैं। अब चुनाव में चेहरा बनने को लेकर हो रही सिर फुट्टोव्वल जनता देख रही है। यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि उनकी आपसी लड़ाई सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से सार्वजनिक हो गयी है। इसलिए जनहित में हम इस विषय पर अपनी बात रख रहे हैं ।
देहरादून में आयोजित प्रेसवार्ता में कौशिक ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं में हो रही लड़ाई जनता के हित के लिए नहीं बल्कि, अपने लिए दिल्ली दरबार से उत्तराखंड में लूट का लाइसेन्स लेने को लेकर है। राज्य व केंद्र की अपनी सरकारों के कार्यकाल में इन्होंने कभी कोई विकास योजनाएँ राज्य के लिए नहीं शुरू की। उल्टा केंद्र की अटल सरकार द्वारा दिये विशेष औधौगिक पैकेज को भी समय से पहले ही इनकी यूपीए सरकार ने खत्म किया था। जबकि, राज्य में भाजपा सरकारों के कार्यकाल में विकास कार्यों को भी लटकाने- भटकाने का काम किया।
कौशिक ने कहा कि यही वह कांग्रेस है, जिसने राज्य निर्माण से जुड़े संसद में रखे प्राइवेट बिल का विरोध किया। इनके बड़े नेताओं ने उत्तराखंड राज्य निर्माण को लेकर न कभी संघर्ष किया, न संकल्प लिया और न ही कभी इनका लगाव था। अब उत्तराखंडियत का झूठा दावा कर रहे हैं, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने तो यहां तक कह दिया था कि अलग राज्य हमारी लाश के ऊपर बनेगा।
कांग्रेस ने दिवंगत सीडीएस जनरल विपिन रावत और सेना का अपमान करने वाले नेताओं को पार्टी से निकालना तो दूर कभी उनसे माफी भी नहीं मंगवायी। अब कांग्रेस पार्टी वीर ग्राम यात्रा निकालकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।
पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड की चाहत बनने का स्वयं ढ़ोल पीटने वाले हरीश रावत को खुद उनकी ही पार्टी के नेताओं ने ठुकरा दिया है। फर्क साफ है कि एक ओर भाजपा विजय संकल्प यात्रा के माध्यम से अपने विकास कार्यों पर जन आशीर्वाद लेने सूबे के कोने-कोने में जा रही है। वहीं, कांग्रेसी नेता जनता के बजाय अपने आलाकमान का आशीर्वाद लेने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। फर्क साफ है कि भाजपा सरकार की विकास योजनाएँ प्रदेश की जनता को राहत दे रही हैं। जबकि, कांग्रेसी नेताओं में युद्ध से पहले ही हारे हुए योद्धा जैसी छटपटाहट व निराशा नज़र आ रही है।
प्रेसवार्ता में भाजपा की ओर से सुरेश जोशी, अनिल गोयल, देवेंद्र भसीन, दीप्ति रावत, विपिन केंथोला, राजेंद्र सिंह नेगी, संजीव वर्मा, गिरिराज उनियाल, हरीश चमोली आदि मौजूद रहे।