महाशिव रात्रि पर विशेष… कवि जसवीर सिंह हलधर की भगवान शिव पर शानदार रचना
जसवीर सिंह हलधर
देहरादून, उत्तराखंड
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महाशिवरात्रि पर – शिव स्तुति
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अकाल काल सर्प माल धार के चले शिवा।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा।।
विशाल भाल दीर्घ रूप चंद्र मस्तके सजे।
दिगम्बरा वघम्बरा कि देह राख में रजे।
त्रिशूल शूल सारथी करे समाज आरती,
ललाट गंग घूमती व चूमती घटा घटा।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा।।
पिशाच नाच नाचते अघोर भूत प्रेत भी।
निनाद नाद गूंजते मसान पूत प्रेत भी।
मृदंग शंख बाजते सभी मलंग नाचते,
सजे भुजंग चंद्र संग आब औ हवा हवा।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा।।
गंधर्व देव यक्ष नर सनंद भीम शैल पै।
लगे समाधि खाल पै रहे सवार बैल पै।
रमा वही नियोग में जमा वही वियोग में,
त्रिनेत्र नेत्र काल का सदा रहे खुला खुला।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा।।
मले गुलाल गाल पे सजे भभूत भाल पे।
चखे है भंग भोज में नियोग सिंह खाल पे।
वही है वात पित्त में वही है प्राण चित्त में,
व्योम कक्ष कील संग घूमती धरा धरा।
नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा नमो शिवा।।